बढ़ते प्रदूषण से दिल्ली में छाई धुंध की चादर, सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन से लोग परेशान
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की वजह से दृश्यता (विजिबिलिटी) काफी कम हो गई है। जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में तो दिक्कत आ ही रही है, साथ ही वाहन चलाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को आंखों में जलन हो रही है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आईटीओ दिल्ली में 432, जहांगीरपुरी में 458, वजीरपुर में 430 (गंभीर श्रेणी) पर है। आपको बता दें एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ये सुनिश्चित करने को कहा था कि दिल्ली में स्मॉग ना हो।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शुक्रवार को नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में वायु की गुणवत्ता 'गंभीर' दर्ज की गई है। हालांकि गुरुग्राम में थोड़े सुधार के बाद 'बहुत खराब' तक पहुंची है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये समस्या पराली जलाने के कारण हो रही है। मामले में सुनवाई के समय प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि शहरों में प्रदूषण को नियंत्रित करना सरकार की जिम्मेदारी है। इसका किसी आयोग से कोई सरोकार नहीं है। इससे पहले कोर्ट को सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि प्रदूषण के मामले में एक आयोग का गठन किया गया है। जो 6 नवंबर से काम शुरू कर देगा।
जिसपर प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा कि सरकार ही सुनिश्चित करे की दिल्ली एनसीआर में कोई स्मॉग ना करे। किसी आयोग से कोर्ट को कोई सरोकार नहीं है। पहले से प्रदूषण के निपटारे के लिए कई आयोग बने हुए हैं। ऐसे में सरकार को ही ये सुनिश्चित करना होगा कि शहरों में प्रदूषण की समस्या नियंत्रण में रहे। अब कोर्ट छुट्टियों के बाद इन दलीलों पर सुनवाई करेगा। प्रदूषण के मामले में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने एक आयोग की स्थापना की है जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एम.एम.कुट्टी करेंगे। यह आयोग सभी राज्यों को साथ लेकर, दिल्ली-एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों में होने वाले प्रदूषण को समाप्त करने हेतु कार्य करेगा।
दिल्ली
में
कोरोना
का
नया
रिकॉर्ड,
एक
दिन
में
सामने
आए
7
हजार
से
अधिक
नए
केस,
64
लोगों
की
मौत