दिल्ली में ऑड-ईवन फार्मूला लागू, जानिए क्या फायदे होंगे?
ऑड-ईवन लागू होने पर जब गाड़ियों की संख्या लगभग आधी हो जाती है, तो जाम की स्थिति लगभग खत्म हो जाती है।
नई दिल्ली। दिल्ली में एक बार फिर ऑड-ईवन फार्मूला लागू हो गई है। इस बार ODD EVEN 13 से 17 नवंबर तक लागू रहेगा। इस नियम के मुताबिक दिल्ली में ऑड तारीख पर ऑड नंबर की गाड़ियां और ईवन तारीख पर ईवन नंबर की गाड़ियां ही सड़कों पर निकल सकती है। कैलाश ने कहा कि कारों के लिए आईजीएल स्टिकर कल से 22 सीएनजी स्टेशनों पर उपलब्ध होंगे। बता दें कि 13,15 और 17 को ऑड नंबर की गाड़ियां चलेंगी वहीं 14 और 16 नवंबर को इवेन नंबर की गाड़ी चलेंगी। इस बार भी दो पहिया गाड़ियों को छूट मिलेगी। ऑड-ईवन योजना से कई फायदे होने की उम्मीद जताई जा रही है।
ईंधन की बचत होगी
ईंधन ऐसा स्रोत है, जो समय के साथ खत्म हो जाएगा। ऐसे में न केवल सरकार बल्कि तेल कंपनियां भी समय-समय पर ईंधन की बचत के लिए कैंपेन चलाती हैं और लोगों से इसके लिए अपील करती हैं, लेकिन आमतौर पर ऐसा करना संभव नहीं हो पाता। ऑड-ईवन लागू होने से सड़क पर गाड़ियों की संख्या लगभग आधी हो जाएगी। उदाहरण के तौर पर अगर आम दिनों में दिनभर में 12 लाख लीटर ईंधन खर्च होता है तो ऑड-ईवन लागू होने पर यह लगभग आधा हो जाएगा। इससे ईंधन की भारी बचत होगी।
दिल्ली को ट्रैफिक समस्या से निजात मिलेगी
ऑड-ईवन लागू होने पर जब गाड़ियों की संख्या लगभग आधी हो जाती है, तो जाम की स्थिति लगभग खत्म हो जाती है। दिल्ली की सड़क पर चलने वाले किसी भी व्यक्ति से अगर आप पूछेंगे कि उसे किस समस्या से सबसे अधिक जूझना पड़ता है, तो वह यही कहेगा कि साहब यहां का ट्रैफिक बहुत खराब है। दरअसल एक समय में जितनी गाड़ियां दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती हैं, उसके अनुपात में सड़कें पर्याप्त चौड़ी नहीं है। फ्लाइओवर तो बनाए गए हैं, लेकिन उन पर भी जाम की स्थिति बनी रहती है। खासतौर पर 'पीक अवर' में, जिसे सामान्य शब्दों में ऑफिस जाने और वहां से लौटने का समय कह सकते हैं, हर कहीं जाम और बस जाम ही दिखता है।
प्रदूषण में कमी आएगी
ऑड-ईवन फार्मूला लागू होने से राजधानी के प्रदूषण में कमी आने की बात कही जा रही है। इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। ऑड-ईवन लागू होने के बाद पिछली बार कई सर्वे किए गए जिनमें से कई में प्रदूषण कम बताया गया, तो कुछ में बढ़ा हुआ भी बता दिया गया था। जब सड़कों पर वाहनों की संख्या काफी कम हो जाएगी, तो जाहिर है कि उनसे कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। यदि कार्बन उत्सर्जन कम होगा, तो उससे प्रदूषण पर कुछ तो फर्क पड़ेगा ही।
सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगेगी
ऑड-ईवन के कारण जब सड़क पर गाड़ियां कम होंगी, तो आपाधापी की स्थिति नहीं बनेगी, ऐसे में गाड़ियां आसानी से दौड़ सकेंगी। इससे वह वापस में टकराएंगी नहीं और दुर्घटनाएं अपेक्षाकृत रूप से कम हो जाएंगी। इसके साथ रोड रेज की घटनाओं में भी कमी आएगी। आपने देखा होगा कि जल्दी पहुंचने के चक्कर में जाम की स्थिति बनने पर यदि आपकी गाड़ी जरा-सी भी दूसरी गाड़ी को छू जाती है, तो कई बार लोग आपे से बाहर हो जाते हैं और गुस्से में मारपीट कर बैठते हैं। सड़कें खाली होने पर इन घटनाओं से भी कुछ हद तक निजात मिलेगी।
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