दिल्ली आज भी प्रदूषण से परेशान, चार स्थानों पर AQI पहुंचा 300 के पार
नई दिल्ली। आज भी राजधानी में सुबह धुंध की सफेद चादर छाई हुई है , बुधवार की सुबह दिल्ली के 4 इलाकों में हवा की क्वॉलिटी का सूचकांक (AQI) 300 से ज्यादा दर्ज किया है, जो कि एक खराब संकेत है। आज सुबह आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक 313, आरके पुरम में 305, मुंडका में 325 और पटपड़गंज में 309 AQI दर्ज किया गया है। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के मुताबिक ये आंकड़े 'बहुत खराब' श्रेणी में है, हालांकि दिल्ली सरकार लगातार प्रदूषण को नियंत्रण करने की कोशिश में लगी हुई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को लागू किया है, जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।
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मालूम हो कि सर्दी शुरू होने से पहले दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण लोगों को तंग ही करता जा रहा है, मार्निंग वॉक पर निकले लोगों का भी कहना है कि उन्हें भी सांस लेने में घुटन महसूस हो रही है। आपको बता दें कि राजधानी में सर्दी के मौसम ने दस्तक देनी शुरू कर दी है, पिछले तीन-चार दिनों से दिल्ली-NCR के तापमान में कमी आई है लेकिन पारा गिरने से वायु प्रदूषण भी बढ़ने लगा है और साथ ही धूल और पराली का धुआं भी हवा को प्रदूषित करने में पीछे नहीं है, ऐसे में मौसम विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई क्योंकि अगर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ा तो ये कोरोना वायरस से जंग लड़ रही राजधानी के अच्छी खबर नहीं होगी, इसलिए लोगों को डॉक्टरों की सलाह है कि अगर वह उच्च वायु प्रदूषण वाली जगह में रह रहे हैं तो फ्लू का टीका लगवा लें, क्योंकि बढ़ता प्रदूषण और सर्दी जुखाम ठीक होने वाले लोगों की मुश्किलों को और बढ़ा सकता है।
फ्लू की वैक्सीन ले लेनी चाहिए: AIIMS
इस मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया कह चुके हैं कि त्योहारी मौसम में बढ़ता प्रदूषण, कम होता तापमान, बढ़ती भीड़ आदि से हर कोई जोखिम में है। वहीं जो लोग 'लॉन्ग कोविड' का सामना कर चुके हैं, उन्हें ऐसे में फ्लू की वैक्सीन ले लेनी चाहिए।
वायु प्रदूषण जानलेवा साबित हो रहा है
तो वहीं एक स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए वायु प्रदूषण जानलेवा साबित हो रहा है। वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में दावा किया है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से हुई करीब 15 प्रतिशत मौतों का संबंध लंबे समय तक वायु प्रदूषण वाले माहौल में रहना बताया गया है। वहीं आईसीएमआर के प्रमुख बलराम भार्गव ने कहा कि, कोविड के कारण हो रही मौतों में प्रदूषण भी बड़ी भूमिका निभा रहा है इसलिए प्रदूषण पर लगाम बहुत जरूरी है।
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