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दिलचस्प हुआ दिल्ली का चुनाव, घोषणा पत्र में कांग्रेस ने अब 300 यूनिट फ्री बिजली का वादा किया!

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बेंगलुरू। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 दिनोंदिन दिलचस्प होता जा रहा है। दिल्ली में मतदान को अब महज 5 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन कोई भी आखिरी वक्त तक हथियार डालने के मूड में नहीं दिख रहा है। दिल्ली के निवर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीलाल जहां एक बार फिर दिल्ली में मुफ्त की राजनीति के सहारे सत्ता में वापसी की जुगत है।

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लेकिन अब इस फेहरिस्त में कांग्रेस भी शामिल हो गई है और कांग्रेस ने मुफ्त की राजनीति के जरिए ही दिल्ली चुनाव की वैतरणी पार करने का ऐलान भी कर दिया है। सोमवार को जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने केजरीवाल को पीछे छोड़ते हुए दिल्लीवालों के लिए 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की ऐलान किया है, जिससे मुफ्त राजनीति के जरिए दिल्ली में केजरीवाल की पुनर्वापसी पर ग्रहण लगना तय माना जा रहा है।

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वहीं, पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में एग्रेशिव कैंपेन के जरिए बीजेपी ने अपनी स्थिति मजबूत करने कामयाब रही है। बीजेपी दिल्ली के चुनावी कैंपेन राष्ट्रवाद को प्रमुख मुद्दा बनाया है और चुनावी रैली में सीएए, अनुच्छेद 370, ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों के जरिए केजरीवाल और कांग्रेस दोनों को घेरने में सफल होती दिख रही है।

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बीजेपी ने दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संसोधन कानून के विरोध में 47 दिनों से चल रहे धरना-प्रदर्शन पर निशान साधते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों को कटघरे में खड़ा करने में सफल हो रही है, क्योंकि शाहीन बाग में लॉक डाउन जैसी स्थिति है, जिससे दिल्ली से बाहर जाने-आने का संपर्क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है और लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा है।

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सोमवार को कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र अगर मुफ्त सुविधाओं को पोटली कहा जाए तो अतिशियोक्ति नहीं होगी। कांग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र से दिल्ली की आम आदमी पार्टी को टारगेट किया है। कांग्रेस ने एक ओर जहां आम आदमी पार्टी के मुफ्त योजनाओ को झटका दिया है। केजरीवाल ने दिल्ली को 200 यूनिट बिजली और 20000 लीटर मुफ्त पानी देने का वादा किया था।

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दिलचस्प यह है कि कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में 300 यूनिट बिजली और 20000 लीटर मुफ्त पानी देने के ऐलान के साथ-साथ दिल्ली के हरेक ग्रुजेएट छात्रों को हर महीने 5,000 रुपए और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को 7,500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा करके केजरीवाल एंड पार्टी पर डबल अटैक किया है। यानी कांग्रेस की घोषणा पत्र के बाद अब दिल्ली के चुनाव को फ्रीमय हो गया है।

यह भी पढ़ें- Shaheen Bagh: दिल्ली में खेल बदल गया है, बीजेपी के आक्रामक कैंपेन से केजरीवाल हो सकते हैं फेल!

फ्रीमय माहौल में कांग्रेस केजरीवाल को पहुंचा सकती है ज्यादा नुकसान

फ्रीमय माहौल में कांग्रेस केजरीवाल को पहुंचा सकती है ज्यादा नुकसान

दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल फ्रीमय होने से केजरीवाल को अधिक नुकसान हो सकता है। अगर दिल्ली की जनता ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 20000 लीटर मुफ्त पानी के लिए केजरीवाल को चुना था, तो दिल्लीवाले 300 यूनिट मुफ्त पानी और 20000 लीटर मुफ्त पानी के साथ घर बैठे बीए पास और एमए पास छात्र-छात्राओं के लिए बेराजगारी भत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस की ओर जाने से क्यों गुरेज करेंगी। मुफ्त राजनीति में अगर कांग्रेस 5-10 फीसदी भी वोट खींचने में कामयाब रही तो दो मुफ्त की राजनीति करने वाली पार्टियों के झगड़े में बीजेपी का फायदा बढ़ जाएगा।

AAP का वोट छिटका तो वोटों के बंटवारे का लाभ बीजेपी को मिलेगा

AAP का वोट छिटका तो वोटों के बंटवारे का लाभ बीजेपी को मिलेगा

बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 और 2015 में क्रमशः 32 और 31 फीसदी वोट हासिल किए थे और अगर कांग्रेस केजरीवाल एंड पार्टी को वोट फीसदी में 10 फीसदी खींचने में कामयाब रही तो दिल्ली में बीजेपी को विजेता बनने से कोई नहीं रोक पाएगा। आम आदमी पार्टी के वोट छिटके तो वोटों के बंटवारा का लाभ सीधे-सीधे बीजेपी को मिलेगा और कम अंतर से ही सही, लेकिन बीजेपी सीटों पर विजेता मामले में अधिक नंबर लाने में सफल हो सकती है। यह समीकरण ठीक वैसा ही होगा जैसा वर्ष 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुआ था जब अधिकांश सीटों पर बीजेपी और AAPपार्टी के उम्मीदवारों की जीत का अंतर बेहद कम रहा था।

कांग्रेसी घोषणा पत्र सीधे-सीधे आम आदमी पार्टी को टारगेट किया गया है

कांग्रेसी घोषणा पत्र सीधे-सीधे आम आदमी पार्टी को टारगेट किया गया है

कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को टारगेट पर रखते हुए अपना घोषणा पत्र तैयार किया है। दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, पार्टी नेता आनंद शर्मा और अजय माकन ने दिल्ली चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी का मेनिफेस्टो जारी किया है। कांग्रेस ने दिल्ली में 100 इंदिरा कैंटीन खोलने का वादा किया है, जिसमें 15 रुपये में खाना दिया जाएगा। इन कैंटीन को महिलाएं चलाएंगी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार से पहले भी शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 15 रुपए थाली में कैंटीन खोला था, लेकिन केजरीवाल सरकार के आने के बाद 15 रुपए थाली दिल्ली से लगभग गायब हो गई है।

मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए दिल्ली घोषणा पत्र में मुखर है कांग्रेस

मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए दिल्ली घोषणा पत्र में मुखर है कांग्रेस

कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का वादा किया है। हालांकि सीएए मुद्दे पर कमोबेश कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का रूख समान है। यह अलग बात है कि मुखिया केजरीवाल सीएए पर कुछ भी मुखर रूप से कहने से कतरा रहे हैं।

 केजरीवाल पर लगता रहा है CAA के खिलाफ धरने की फंडिंग का आरोप

केजरीवाल पर लगता रहा है CAA के खिलाफ धरने की फंडिंग का आरोप

यह अलग बात है कि दिल्ली के शाहीन बाग में जारी धरना-प्रदर्शन की फंडिंग करने का आरोप केजरीवाल पर लगता रहा है। वहीं, कांग्रेस के नेता को कैमरे के सामने शाहीन बाग धरने को फंडिंग करने की बात स्वीकार कर ली है। इस मामले में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक ही नाव पर सवार हैं कांग्रेस ने मेनिफेस्टों में सीएए और एनआरसी ही नहीं, एनपीआर का विरोध करने का ऐलान किया है जबकि 2011 जनगणना में एनपीआर को लागू करने वाली कांग्रेस ने एनपीआर को कांग्रेस का बेबी तक बतलाया था।

सीएए विरोध के चलते चुनाव में बीजेपी को हो सकता है फायदा

सीएए विरोध के चलते चुनाव में बीजेपी को हो सकता है फायदा

सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध के चलते भी बीजेपी को दिल्ली विधानसभा में फायदा मिलता दिख रहा है, क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अभी भी जनता को यह समझाने में असफल रहे हैं कि लागू खासकर नागरिकता संशोधन कानून भारतीय नागरिकों के हितों के खिलाफ कैसे है? चूंकि दिल्ली का बहुसंख्यक वोटर शहरी है और उसको सीएए के विरूद्ध फैलाए जा रहे भ्रांतियों और गलतफहमियों से दूर है। सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में जारी धरना उदाहरण हैं, जहां मुस्लिम मौजूद हैं जबकि दिल्ली एक दूसरा चुपचाप है, जिसकी शांति केजरीवाल एंड पार्टी को कौतुहल का विषय बना हुआ और उन्हीं शांति में ही केजरीवाल को हार की पदचाप सुनाई पड़ने लगी है।

राष्ट्रवादी मुद्दों के साथ सीएए को लेकर एग्रीशिब कैंपेन कर रही है बीजेपी

राष्ट्रवादी मुद्दों के साथ सीएए को लेकर एग्रीशिब कैंपेन कर रही है बीजेपी

शायद यही कारण है कि बीजेपी पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370, पीओके पर एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे राष्ट्रवादी मुद्दों के साथ सीएए को लेकर एग्रीशिब कैंपेन कर रही है। शाह ने दिल्ली के चुनावी कैंपेन में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों को एक साथ टारगेट किया है। बीजेपी नेता के मुताबिक पीओके पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के दौरान सूबत मांगने वालों में दोनों दल शामिल थे। वहीं, जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का भी दोनों दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने विरोध किया था। तीनों मुद्दों को बीजेपी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद से जोड़कर बीजेपी दिल्ली की जनता की समझाने में हद तक सफल होती भी दिख रही है।

बीजेपी को दिल्ली चुनाव में 35 से 40 सीटें मिल सकती हैं: बीजेपी सर्वे

बीजेपी को दिल्ली चुनाव में 35 से 40 सीटें मिल सकती हैं: बीजेपी सर्वे

अभी हाल में बीजेपी ने एक अंदरूनी सर्व का हवाला देते हुए खुद को दिल्ली में विजेता भी घोषित कर दिया है। दिल्ली बीजेपी के अंदरूनी सर्वे के मुताबिक बीजेपी को दिल्ली चुनाव में 35 से 40 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी का यह अंदरूनी सर्वे कांग्रेस के घोषणा पत्र से पहले कंडक्ट किया गया था, लेकिन केजरीवाल एंड पार्टी के टारगेट करके जारी किए कांग्रेस के घोषणा पत्र के बाद अब माना जा रहा है कि अब केजरीवाल एंड पार्टी को और अधिक झटका लग सकता है, क्योंकि अगर मुफ्त की राजनीति को आधार माना जाए तो केजरीवाल की तुलना में कांग्रेस के मुफ्त की घोषणाओं का वजन ज्यादा है।

बीजेपी को उम्मीद मुफ्त की राजनीति को इस बार दिल्ली में लगेगा झटका

बीजेपी को उम्मीद मुफ्त की राजनीति को इस बार दिल्ली में लगेगा झटका

कांग्रेस के घोषणा पत्र की उक्त घोषणाएं दिल्ली में केजरीवाल एंड पार्टी के वोट काटने में ज्यादा सफल होगी, क्योंकि बीजेपी मोदी और राष्ट्रवाद को अपना मुद्दा बनाया है और बीजेपी को लग रहा है कि दिल्ली की जनता मुफ्त की राजनीति को इस बार झटका देते हुए राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनेगी। अगर बीजेपी को दावों में थोड़ा भी दम है, तो केजरीवाल सरकार को मंसूबों पर पलीता लगना तय है। हालांकि एबीपी और सी वोटर द्वारा किए एक सर्वे रिपोर्ट में केजरीवाल को एक बार फिर दिल्ली में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन शाहीन बाग, शरजीह इमाम और कांग्रेस के घोषणा पत्र से अब आम आदमी पार्टी की चूले हिल गई हैं।

8 फरवरी को दिल्ली की जनता ईवीएम में बंद कर देगी अपना फैसला

8 फरवरी को दिल्ली की जनता ईवीएम में बंद कर देगी अपना फैसला

अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि दिल्ली की जनता 8 फरवरी को मतदान कर अपना फैसला ईवीएम में बंद कर देगी, जो 11 फरवरी को ही खुलेगी। दिल्ली विधानसभा के 70 विधानसीटों पर 8 फरवरी को सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू होगी और वोटिंग के तीन बाद यानी 11 फरवरी सुबह साढ़े 6 बजे वोटों की गिनती का काम शुरू होगा।

2013 की तरह कही एक बार फिर हंग असेम्बली न हो जाए दिल्ली

2013 की तरह कही एक बार फिर हंग असेम्बली न हो जाए दिल्ली

माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे दोपहर 11 बजे तक क्लियर हो जाएंगे कि कौन सी पार्टी दिल्ली में विजेता बनकर उभरी है। हालांकि एक ऐसी भी संभावना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 2013 दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे को भी दोहरा सकते हैं जब दिल्ली में हंग असेम्बली हो गई थी और 28 सीट जीतने वाली AAP ने कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बना ली थी। यह अलग बात है कि उक्त सरकार महज 49 दिन में गिर गई थी।

Comments
English summary
Interestingly, the Congress announced 300 units of electricity and 20000 liters of free water in the manifesto, and double attacked on Kejriwal and AAP party through announcement an unemployment allowance of Rs 5,000 per month to every graduate student of Delhi and Rs 7,500 to post graduate students. That is, after the Congress manifesto, the agenda of election of Delhi has become freebies.
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