दिल्ली: नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में 'कॉमन लिंक' तलाशेगी एसआईटी
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में हिंसा की एसआईटी जांच कर रही है। शुक्रवार को पुलिस ने कहा है कि एसआईटी इस बात की भी जांच कर रहा है कि सीएए के खिलाफ सभी विरोध प्रदर्शनों में कोई एक जैसी बात तो नहीं है।
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों से एसआईटी की टीम तिहाड़ जेल में जाकर भी पूछताछ करेगी। एसआईटी खासतौर पर इस बात की जांच करेगा कि सीलमपुर और दरियागंज में अचानक ही इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे जमा हो गए।
बता दें कि दिसंबर, 2019 में संसद से पास हुए विवादित नागरिकता संशोधन कानून का दिल्ली में काफी विरोध हो रहा है। इस कानून के खिलाफ निकाले गए जुलूसों में जामियानगर, सीलमपुर, जाफराबाद, दरियागंज और कई दूसरे हिस्सों में हिंसा हुई थी। इस मामले में पुलिस ने कई गिरफ्तारियां भी की हैं।
दिल्ली के अलावा भी देश के कई हिस्सो में नागरिकता कानून का लगातार विरोध हो रहा है। असम, मेघालय, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के कई शहरों में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कानून के खिलाफ निकाले गए जुलूसों में उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
नागरिकता संशोधन कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। मुसलमानों को इससे बाहर रखा गया है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि धर्म आधारित नागरिकता संविधान की बुनियाद के खिलाफ है।
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