शैलजा मर्डर केस- पुलिस को गुमराह कर रहा है मेजर हांडा, दिल्ली पुलिस ने फिर किया मौका ए वारदात का निरीक्षण
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी में मेजर अमित द्विवेदी की पत्नी शैलजा की हत्या के आरोपी निखिल हांडा को सोमवार को अदालत में पेश किया गया है। कोर्ट ने पुलिस को 4 दिन की रिमांड दी है। इस पूरे हत्याकांड के परतें जिस तरह से खुल रही हैं उससे चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। बुधवार को दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई नई बातें बताई। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने खोजी कुत्तों को लेकर मौका ए वारदाता का फिर से निरीक्षण किया। ऐसा इसलिए क्योंकि निखिल हांडा ने पूछताछ में जो बातें बताई हैं उनमें से कई वास्तविक्ता से मेल ही नहीं खा रहीं।
वेस्ट दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि मेजर हांडा की गिरफ्तारी के बाद उसके पास से जो हथियार बरामद हुए थे (जिसे पुलिस आला कत्ल मान रही थी) दरअसल में ये वो हथियार नहीं हैं जिनसे कत्ल को अंजाम दिया गया। डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि जैसे-जैसे पूछताछ आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे मेजर हांडा गुमराह करने वाला बयान दे रहा है। विजय कुमार ने बताया कि हम लगभग 90 प्रतिशत मामले की तह तक पहुंच चुके हैं और बहुत जल्द हत्या से जुड़ा हर तथ्य सामने होगा।
मेजर हांडा ने बनाया कत्ल का प्लान -2
कत्ल की सुबह यानी 23 जून को 8.30 बजे उसने शैलजा को फोन किया। फिजियोथेरेपी कराने के लिए शैलजा 10.30 बजे आरआर हॉस्पिटल पहुंची जहां मेजर हांडा पहले से कार लेकर मौजूद था। शैलजा ने अपने ड्राइवर को जाने को कहा। वह मेजर हांडा की कार में बैठी। कार लेकर हांडा शैलजा को इधर-उधर घुमाता रहा और अफेयर जारी रखने को कहा।
शैलजा इनकार करती रही जिसके बाद मेजर हांडा ने कत्ल के प्लान को अंजाम दिया। स्विस नाइफ निकाली, शैलजा का गला रेता, उसे दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास सड़क पर फेंका, उसके चेहरे को गाड़ी से पहली बार रौंदा, फिर आगे-पीछे कर तीन बार और चेहरे को कुचला, फिर चलता बना। मेजर हांडा ने सोचा था कि चेहरे को कुचलने से गला रेतने के सबूत मिट जाएंगे और यह हादसा मान लिया जाएगा। उसने यह भी सोचा होगा कि पुलिस अस्पताल में उसकी मौजूदगी के बारे में पूछेगी तो वो बता देगा कि बेटा भर्ती हैलेकिन उसके मंसूबे धरे के धरे रह गए।