दिशा रवि केस में दिल्ली पुलिस को मिला बड़ा समर्थन, 47 पूर्व जजों-पुलिस अफसरों ने यहां भेजी चिट्ठी
नई दिल्ली: दिशा रवि केस या विवादित टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस को बहुत बड़ा समर्थन मिला है। कई पूर्व चीफ जस्टिस, जज, पुलिस और इंटेलिजेंस विभाग से जुड़े पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में पुलिस कार्रवाई का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी भेजी है। इन लोगों ने इस बात पर हैरानी जताई है कि इस मामले में दिशा को बचाने के लिए किस तरह से उसकी उम्र का हवाला दिया जा रहा है। चिट्ठी लिखने वालों में देश की बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव और विभिन्न हाई कोर्ट के तीन पूर्व मुख्य न्यायधीश भी शामिल हैं। इन लोगों ने राष्ट्रपति कोविंद को लिखी चिट्ठी में कहा है कि इस मामले उम्र कोई मायने नहीं रखता और 'मायने क्या रखता है कि कार्रवाई की एक श्रृंखला है, जो कि स्वाभाविक तौर पर राष्ट्र-विरोधी है।'
'तथाकथित बुद्धिजीवियों' की मंशा पर सवाल
टूलकिट केस में दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस पर उठाए जा रहे सवालों का विरोध करने वालों में हाई कोर्ट के तीन पूर्व चीफ जस्टिस के अलावा,17 पूर्व जज, 18 पूर्व डीजीपी, दिल्ली पुलिस के एक पूर्व पुलिस आयुक्त, राष्ट्रीय सतर्कता आयोग के एक पूर्व सदस्य, दो पूर्व विशेष सचिव जो कि गृहमंत्रालय और आईबी में काम कर चुके हैं और सीआरपीएफ के एक पूर्व स्पेशल डायरेक्टर जनरल भी शामिल है। राष्ट्रपति को भेजी चिट्ठी में इनकी ओर से कहा गया है कि 'तथाकथित बुद्धिजीवी दिशा रवि की गिरफ्तारी को फ्रीडम ऑफ स्पीच जैसे मौलिक अधिकार के उल्लंघन से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।' जबकि,उनके मुताबिक 'दिल्ली पुलिस सिर्फ अपनी कानूनी जिम्मेदारियों को निभा रही है।'
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'निहित स्वार्थी तत्वों के दबाव में रुके नहीं निष्पक्ष जांच'
इन पूर्व अधिकारियों और जजों ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि, 'दिल्ली पुलिस को निहित स्वार्थी तत्वों के गैर-जरूरी दबाव के बिना स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने दिया जाए और उन सभी दुष्ट तत्वों को कानून के दायरे में लाने दिया जाए, जो भारत और विदेशों में बैठे विभाजनकारी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं और अपने स्वार्थों को साधने के लिए अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और राष्ट्र-विरोधी ताकतों को बचाने के लिए उन्हें इंटेलेक्चुअल कवर दे रहे हैं।' चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले 47 लोगों में राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वीएस कोकजे, दिल्ली और पटना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन, सिक्किम हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस प्रमोद कोहली और गुजरात के पूर्व लोकायुक्त जस्टिस एसएम सोनी के अलावा कई राज्यों के पूर्व डीजीपी और सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर नागेश्वर राव शामिल हैं।
'साजिशकर्ता ग्रुप के सदस्य होने के चलते गिरफ्तारी'
गौरतलब है कि शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि क्या उसके पास दिशा के खिलाफ सबूत हैं? कोविंद को खत लिखने वाले इस ग्रुप ने खुद को 'जुडिशीयल एंड लॉ इंफोर्स्मेंट प्रोफेशनल से संबंधित नागरिकों का फोरम' बताया है। इनका कहना है कि जिस तरह से बिना किसी तथ्य के आरोप मीडिया में और सोशल मीडिया के जरिए दिशा की गिरफ्तारी को लेकर आम जनता के बीच लगाए जा रहे हैं, उसी के विरोध में उन्होंने यह कदम उठाया है। इनके अनुसार, 'उसे उस साजिशकर्ताओं के ग्रुप के सदस्य होने के चलते गिरफ्तार किया गया, जिसने उस डॉक्युमेंट वाला टूलकिट तैयार किया था, जो कुछ लोगों के बीच सर्कुलेशन के लिए था, जो विभिन्न मीडिया हाउस, स्थापित फैक्ट चेकर्स और एनजीओ और दूसरे समूहों के बीच अंतरराष्ट्रीय फोरम पर भारत को बदनाम करने और समाज-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी कार्यों के लिए दिल्ली के बाहर प्रदर्शन कर रहे कुछ किसान संगठनों का इस्तेमाल करने में उन्हें गाइड कर सके। '
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