दिल्ली पुलिस की नजरों में हर अफ्रीकी नाइजीरियाई
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला) दिल्ली पुलिस के लिए हरेक अफ्रीकी नागरिक नाइजीरियाई होता है। राजधानी में हाल के दौर में जो भी आपराधिक घटनाएं हुई जिनमें अफ्रीकी फंसे थे, पुलिस ने उन्हें बिना जाने-समझे नाइजीरियाई बता दिया।
अब इस मानसिकता की शिकार गुड़गांव और नोएडा पुलिस भी हो रही है। गुरुवार को एक 17 साल की अमेरिकी लड़की के साथ गुड़गांव में रेप हुआ। रेप करने वाला अफ्रीकी था। गुड़गांव पुलिस ने उसे नाइजीरिया का नागरिक बता दिया। हालांकि उसका किस देश से संबंध है, इसको लेकर कोई पुख्ता तरीके से नहीं कह सकता।
कौन से देश से
इसी तरह से हाल ही में राजधानी में दो अफ्रीकी नागरिकों को कुछ लोगों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में पकड़ा गया। उनकी राष्ट्रीयता को लेकर किसी अख़बार ने युगांडा लिखा तो किसी ने नाइजीरिया। यानी जिसको पुलिस ने जो बताया, उसे उसने लिख दिया। साउथ दिल्ली के खिड़की में बड़ी संख्या में युगांडा के भी नागरिक रहते हैं। इन पर देग व्यापार करने से लेकर दूसरे तमाम गलत कामों में लिप्त होने के आरोप लगते हैं।
भाषा नहीं आती समझ
राजधानी के एक प्रमुख अख़बार के चीफ रिपोर्टर सतेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस को कई बार तो खुद ही नहीं पता होता कि अफ्रीकी नागरिक किस मुल्क से है। दोनों को एक दूसरे की भाषा समझ नहीं आती। इस कारण से पुलिस वाले नाइजीरिया कह कर अपनी जान बचा लेते हैं।
60-70 हजार अफ्रीकी
बता दें कि राजधानी में करीब 6-70 हजार अफ्रीकी नागरिक रहते हैं। ज्यादातर साउथ दिल्ली और ईस्ट दिल्ली में रहते हैं। साउथ दिल्ली में इनके अपने कुछ रेस्तरा भी हैं। कुछ अफ्रीकी गुड़गांव की आईटी कंपनियों में भी काम कर रहे हैं।
भिखारी अफ्रीकी
आपको कनाट प्लेस इलाके में कुछ अफ्रीकी भीख मांगते हुए भी मिल जाते हैं। समझ नहीं आता कि ये यहां पर कैसे आ गए। एक दौर में दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी काफी अफ्रीकी आते थे पढ़ने के लिए। पर अब वह गुजरे दौर की बात हो चुकी है।