एनडी तिवारी के बेटे को लेकर पुलिस का बड़ा खुलासा, तकिए से मुंह दबाकर की गई रोहित की हत्या
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मौत स्वाभाविक रूप से नहीं हुई है, बल्कि तकिये से मुंह दबाकर उनकी हत्या की गई थी। इसका खुलासा खुद दिल्ली पुलिस ने किया है। पुलिस के सूत्रों मुताबिक, यह जानकारी रोहित शेखर तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई है। इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। 40 साल के रोहित अपने घर में मृत पाए गए थे। उनकी नाक से खून बह रहा था। जिसके बाद उनकी मां और पत्नी उन्हें अस्पताल लेकर गए थे, जहां पर उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। बता दें कि, उनकी मां ने किसी पर भी हत्या का शक जाहिर नहीं किया है।
रोहित शेखर की मौत 'अप्राकृतिक' कारणों के चलते हुई
एनडीटीवी में छपी खबर के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि, रोहित शेखर की मौत 'अप्राकृतिक' कारणों के चलते हुई है। दिल्ली पुलिस की ओऱ से दावा किा गया है कि, रोहित शेखर की हत्या संभवत: तकिए से मुंह दबाकर की गई है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को रोहित तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सोमवार रात करीब साढ़े सात बजे मिल गई थी। जांच को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया है जिसने हत्या का मामला दर्ज किया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का स्पष्ट कारण नहीं लिखा
दक्षिण जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेडिकल बोर्ड ने रोहित तिवारी की करीब आठ-दस पेज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट काफी लंबी है और इसमें मौत का स्पष्ट कारण नहीं लिखा है। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने आज रोहित तिवारी के घर का दौरा किया और उनके परिवार के सदस्यों और घरेलू सहायकों से पूछताछ की। उनकी पत्नी अपूर्व फिलहाल दिल्ली में नहीं हैं। एक फोरेंसिक टीम ने भी घर का दौरा किया है। पुलिस ने रोहित के घर की सीसीटीवी फुटेज को देखा भी है। कुछ लोगों ने छाती (सीपीसीआर) को दबा कर रोहित को बचाने की कोशिश की थी। ये सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर को जब्त कर लिया है।
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15 अप्रैल की रात दिल्ली वापस आए थे रोहित
पुलिस सूत्रों का कहना है कि, दक्षिण दिल्ली के एक पॉश रिहायशी इलाके डिफेंस कॉलोनी में रोहित शेखर तिवारी के घर में सात सीसीटीवी कैमरे हैं । जिनमें से दो काम नहीं कर रहे थे। रोहित तिवारी 12 अप्रैल को मतदान करने के लिए उत्तराखंड गए थे और 15 अप्रैल की रात को लौटे थे। वे सीसीटीवी में दीवार पर सहारा लेते हुए चलते दिख रहे थे। अगले दिन, रोहित की माँ उज्ज्वला तिवारी अपने इलाज के लिए मैक्स अस्पताल में थीं जब उन्हें घर से फोन आया कि वे (रोहित)अस्वस्थ हैं और उनकी नाक से खून बह रहा है। इसके बाद वे उन्हें एक एम्बुलेंस में अस्पताल लेकर गईं थीं, जहां उन्हें डॉक्टरों में मृत घोषित कर दिया था।
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