टूलकिट बनाने वालों की खुलेगी पोल, दिल्ली पुलिस ने गूगल सहित अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से मांगी जानकारी
टूलकिट बनाने वालों की खुलेगी पोल, दिल्ली पुलिस ने गूगल सहित अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से मांगी जानकारी
Delhi Police on creators of toolkit: किसान आंदोलन का समर्थन कर चर्चा में आईं क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने ट्विटर पर एक ''टूलकिट'' साझा किया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस मामले पर एक एफआईआर दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस अब टूलकिट बनाने वालों का पर्दाफाश करने में लगी है। इसी क्रम में दिल्ली पुलिस ने टूलकिट बनाने वालों के संबंध में शुक्रवार ( 06 फरवरी) को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनी ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल से जानकारी देने को कहा है।
दिल्ली पुलिस ने अपनी एफआईआर में दावा किया है कि टूलकिट का लक्ष्य भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ने की थी। एफआईआर में ये भी कहा गया है कि जिस टूलकिट को ग्रेटा थनबर्ग ने शेयर किया था, उसे खालिस्तान समर्थकों ने बनााय है।
साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त अन्येश रॉय ने कहा कि हमने गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनी को पत्र लिखकर अकाउंट बनाने वाले, डॉक्यूमेंट अपलोड करने वाले और टूलकिट को सोशल मीडिया पर शेयर करने वालों के बारे में जानकारी मांगी है। उन्होंने बताया है कि ''टूलकिट'' में जिन ईमेल, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट का जिक्र किया गया है, उसके बारे में भी जानकारी मांगी गई है। ये डॉक्यूमेंट गूगल डॉक के जरिए अपलोड किया गया और बाद में ट्विटर पर शेयर किया गया था।
साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त अन्येश रॉय ने फिलहाल इस मामले में हम जानकारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही हमें गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनी से जानकारी मिलेगी, हम उसी के आधार पर अपनी कार्रवाई करेंगे।
इस मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत आपराधिक षड्यंत्र, राजद्रोह और अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने कहा, हमें शुरुआती जांच में ये पता चला है ति ये डॉक्यूमेंट्स खालिस्तान-समर्थक समूह 'पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन' से जुड़े हैं।