हुंमायूं के मकबरे के पास मिला मुगलों का बेशकीमती खजाना, हैरत में अधिकारी
नई दिल्ली: भारत में घूमने-फिरने के लिए बहुत सी खूबसूरत और ऐतिहासिक इमारतें है। ऐसी कई ऐतिहासिक जगहें हैं जिनकी अपनी एक कहानी है और लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। ऐसी ही एक जगह है दिल्ली स्थित हुंमायूं का मकबरा, जहां बड़ी संख्या में लोग रोजाना आते हैं। अब इसी मकबरे को लेकर कंजर्वेटर्स ने आश्चर्यजनक खोज की है। 16 वीं शताब्दी के सब्ज बुर्ज, हुमायूं के मकबरे के पास मुगल स्मारक की गुंबददार छत पर एक नीले, पीले, लाल और सफेद, यहां तक कि कुछ सोने की पेंटिंग की खोज करने का दावा किया गया है।
बेशकीमती चित्रकारी खोजने का दावा
भारतीय संस्कृति और पुरातत्व सर्वेक्षण आगा खान ट्रस्ट के तहत काम कर रहे कंजर्वेटर्स का कहना है कि पहली बार दिल्ली में एक स्मारक पर 16वीं शताब्दी की शुरुआत की इस प्रकार की पेंटिंग पाई गई है। सब्ज बुर्ज, टिमुरिड आर्किटेक्चर की तर्ज पर सबसे पुरानी मुगल इमारतों में से एक है और प्लास्टरवर्क, चमकीले सिरेमिक टाइल्स और बेशकीमती पत्थरों से इसे खूबसूरती से सजाया गया है, नवंबर में इसका संरक्षण कार्य शुरू हुआ था।
16वीं शताब्दी के चित्रित सजावट के कुछ अवशेष मिले
एक अधिकारी ने बताया कि 20वीं सदी के सीमेंट और लाइम-वॉश लेयर्स को हटाने पर, 16वीं शताब्दी के चित्रित सजावट के कुछ अवशेष गुंबददार छत पर खोजे गए, जोकि वास्तव में नीले, पीले, लाल, सफेद और यहां तक कि सोने के साथ पूरी तरह से कवर किया गये थे। अधिकारी ने बताया कि हालांकि दीवार की सतहों पर पेंटिंग के निशान दिखाई दे रहे थे, यह उम्मीद जताई गई थी कि छत को प्लास्टर पैटर्न के साथ सजाया गया होगा, लेकिन छत की पेंटिंग ने सभी को हैरानी में डाल दिया।
बारिश के पानी के कारण अधिकांश चित्रकारी को हुआ नुकसान
ऐसा लगता है कि बारिश के पानी के कारण अधिकांश पेंटिंग धुलती चली गई थी और इसकी कोशिश की जा रही है कि यह अब खत्म न हो। प्लास्टर पैटर्न भी इस दौरान गिरे हुए पाए गए हैं। नैशनल और इंटर नैशनल विशेषज्ञ इसकी और जानकारी जुटाने में लगे हैं और पेंटेड छत के लिए संरक्षण नीति तैयार करने से पहले इसका विश्लेषण इन विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा।