दिल्ली की आबोहवा में सुधार, 25 फीसदी तक कम हुआ प्रदूषण
नई दिल्ली। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण की सख्ती और सामूहिक स्तर पर किए गए प्रयासों का असर दिखने लगा है, दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। मौजूदा दशक के शुरुआती सालों के मुकाबले प्रदूषण के औसत स्तर में 25 फीसदी तक की कमी दर्ज कराई गई है। हालांकि, दिल्ली की हवा अभी भी स्वच्छ नहीं कही जा सकती है और खुलकर सांस लेने के लिए अभी 60 से 65 फीसदी तक की कमी लाने की जरूरत है।
ये सीएसई द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी संसद में प्रस्तुत रिपोर्ट में बेहतरी का दावा किया है। सीएसई की कहना है कि साल 2012-2014 की तुलना में साल 2016-2018 में प्रदूषण के स्तर में 25 फीसदी की कमी आई है।
दरअसल, इसके पहले दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम 2.5 की मात्रा प्रति माइक्रोग्राम मानकों से 13 से 14 गुना तक ज्यादा रहती थी, जो लोगों की सेहत के लिए नुकसानदेह थी। वहीं, अब यह मानकों से सात से दस गुना ज्यादा रह गई है। राहत की बात है ये है कि सबसे ज्यादा प्रदूषित दिनों की संख्या में भी कमी आई है। साल 2011-14 के बीच जहां 33 से लेकर 52 दिन ऐसे होते थे, जब हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा रहा करती थी।
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वहीं साल 2016-18 के बीच ऐसे दिनों की संख्या घटकर 20 से 34 ही रह गई। सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी का कहना है कि सभी के सामूहिक प्रयासों से दिल्ली का प्रदूषण कम हुआ है। हालांकि, पीएम 2.5 के स्तर में 65 फीसदी तक और कमी लाने के लिए अभी और भी सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। सीपीसीबी के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 101 दर्ज किया गया। इस स्तर की हवा को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है।