मार्च 2019 से शुरू होगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम,12 घंटे में तय होगा दिल्ली से मुंबई का सफर
नई दिल्ली। मोदी सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस के निर्माण का काम मार्च 2019 से शुरू हो जाएगा। NHAI ने अपने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस एक्सप्रेस की घोषणा के एक साल के भीतर ही इसके निर्माण कार्य की शुरुआत की तैयारी पूरी कर ली है। एनएचएआई को तीन साल के भीतर इस सिग्नल फ्री एक्सप्रेस के निर्माण का काम पूरा करना है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस के बनने के बाद गुरुग्राम से दिल्ली के बीच का सफर मात्र 12 घंटों में पूरी होगा।
मार्च से शुरु होगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस के निर्माण का काम
राजधानी दिल्ली से यदि किसी को सड़क के रास्ते मुंबई जाना हो तो फिलहाल 24 घंटे का वक्त लगता है, लेकिन जल्दी ही यह सफर आप सिर्फ 12 घंटे में तय कर सकेंगे। मदी सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मुबई एक्सप्रेस का काम मार्च 2019 से शुरु हो जाएगा। 60,000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेसवे को तीन साल में तैयार किया जाना है। यह एक्सप्रेसवे देश के सबसे पिछड़े दो जिलों हरियाणा के मेवात और गुजरात दाहोद से होकर गुजरेगा।
1260 किमी की दूरी सिर्फ 12 घंटों में
1260 किमी लंबे इस एक्सप्रेस के निर्माण के बाज दिल्ली से मुंबई की दूरी महज 12 घंटे 25 मिनट की हो जाएगी। एनएचएआई को इस प्रोजेक्ट को मार्च 2022 तक पूरा करना है। काम को 34 स्ट्रैचेज में बांटा गया है। ये एक्सप्रेस पूरी तरह से सिंग्नल फ्री होगा और इंट्री-एग्जिट पर टोल प्लाजा होंगे। ये देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस होने वाला है जो देश के पांच राज्यों से होकर गुजरेगा।
जमीन अधिग्रहण का काम पूरा
एनएचएआई ने इसके लिए 12000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रेहण किया है और प्रोफेशनल्स हायर किए हैं, जो तीन साल के भीतर इस प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे। ये एक्सप्रेस अधिकार बिना उपजाऊ इलाके से गुजर रहा है, जिसकी वजह से भूमि अधिग्रहण में बहुत दिक्कत नहीं हुई। दिल्ली से मुंबई के लिए बनने वाले एक्सप्रेस-वे पर तेजी से काम चल रहा है। हरियाणा में इस प्रॉजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है, बोली प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। 1,250 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे गुरुग्राम के सोहना से होकर गुजरेगा। हरियाणा में इस एक्सप्रेसवे का 80 किलोमीटर लंबा हिस्सा पड़ता है, जिसके लिए अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। चूंकि ये प्रोजेक्ट पूरी तरह से सरकारी फंड पर निर्भर है इसलिए जल्द ही इसका काम शुरु कर दिया जाएगा। एनएचएआई इसके लिए उसी मॉडल का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका इस्तेमाल ईपीई और डीएमई के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो निर्माण के लिए DMRC भी इसी मॉडल का इस्तेमा वक्त करती है, प्रोजेक्ट को वक्त पर पूरा करने के लिए।
घटेगी दो महानगरों की दूरी
इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी 1,450 किलोमीटर से घटकर 1,250 किमी हो जाएगी। यही नहीं सफर भी 24 घंटे से कम होकर महज 12 घंटे का ही रह जाएगा। मार्च में इसके निर्माण का काम शुरु हो जाएगा और अगले तीन साल के भीतर समाप्त हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे गुरुग्राम के राजीव चौक से शुरू होगा। गडकरी ने कहा, 'यह सोहना बाईपास के मौजूदा अलाइनमेंट पर बनेगा और वड़ोदरा तक जाएगा।