दिल्ली मेट्रोः कैसी रही महीनों बाद पहली यात्रा
लगभग पाँच महीने बाद जब दिल्ली में मेट्रो का संचालन दोबारा शुरू हुआ तो कैसा था भीतर का नज़ारा, कैसा महसूस कर रहे थे यात्री?
169 दिनों पहले, जब दिल्ली की मेट्रो रेल सेवा को कोरोना वायरस महामारी की वजह से बंद किया गया, तो भी राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर भीड़ में कोई कमी नहीं थी और सोमवार की सुबह जब येलो लाइन सेवा बहाल हुई तो राजीव चौक पर यात्रियों से ज़्यादा मीडिया और सुरक्षा कर्मियों की संख्या ही ज़्यादा नज़र आई.
यही हाल मेट्रो ट्रेन के भीतर का भी था जहां यात्रियों की संख्या अपेक्षाकृत बहुत ही कम रही.
राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर मौजूद दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह ने बीबीसी से कहा कि पहला दिन होने की वजह से लोग ज़्यादा सफ़र करने आगे नहीं आए.
उन्होंने कहा, "चरणबद्ध तरीके से तीन चरणों में मेट्रो की सेवाएं शुरू हो रहीं हैं. अभी सिर्फ एक रूट को खोला गया है इसलिए भी हो सकता है कि यात्री कम हैं. जब 12 सितंबर से सारे रूटों पर सेवाएं बहाल हो जाएंगी तो ज़्यादा लोग यात्रा करेंगे."
सुरक्षा इंतज़ाम
दिल्ली मेट्रो की 'येलो लाइन' 49 किलोमीटर का सफ़र तय करती है जिसपर, राजीव चौक सहित ज़्यादातर 20 स्टेशन भूमिगत हैं जबकि 17 ज़मीन के ऊपर हैं. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि उन स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रुकेगी जो 'कन्टेनमेंट ज़ोन' के भीतर आते हैं.
वैसे नए दिशा निर्देशों के साथ बहाल की गयी व्यवस्था बिलकुल वैसी ही थी जैसी व्यवस्था एयरपोर्ट पर देखने को मिलती है, जैसे कि बिना संपर्क के थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर देने वाली मशीनें भी लगाई गयीं हैं. सुरक्षा जांच भी संपर्क रहित है.
इसके साथ ही केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने हाल ही में अपने 'डॉग स्क्वाड' में शामिल किये गए बेल्जियन मेलिनोईस नस्ल वाले 'पोलो' के 62 कुत्तों को सुरक्षा के लिए सोमवार से विभिन्न मेट्रो स्टेशनों पर तैनात किया है.
ये वही नस्ल के कुत्ते हैं जिसने अमरीकी स्पेशल सैन्य टुकड़ी को ओसामा बिन लादेन को पकड़ने में मदद की थी.
यात्रियों के अनुभव
घिटोरनी स्टेशन से राजीव चौक का सफ़र करने वाले प्रकाश काकड़े को हैरानी हुई कि ट्रेन में आम दिनों की तरह भीड़ नहीं थी, ना ही उस स्टेशन पर भीड़ थी जहाँ से वो ट्रेन पर चढ़े थे.
काकड़े बताते हैं कि मेट्रो रेल प्रशासन ने नई व्यवस्था के तहत स्टेशन में प्रवेश और निकासी के लिए अलग-अलग गेट बनाए थे, उन्हें लगा था कि इस वजह से उन्हें लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ेगा. मगर भीड़ नहीं होने की वजह से कोई लाइन नहीं थी.
उन्होंने बताया कि सबसे पहले प्रवेश वाले गेट पर ही सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें सैनिटाइज़र दिया और फिर जब वो आगे बढ़े तो उनकी थर्मल स्कैनिंग हुई. फिर उनके बैग को भी सैनिटाइज़ किया गया.
लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज की फार्मासिस्ट सुप्रिया सिन्हा भी पहले दिन की यात्रा से खुश नज़र आयीं. वो जीटीबी नगर से सफ़र कर रहीं थीं.
उनका कहना था कि ट्रेन के अंदर भी दो-दो फीट की दूसरी के साथ लोग बैठे हुए थे और हवा का प्रवाह भी ठीक था.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन यानी डीएमआरसी ने सभी ट्रेनों के वातानुकूल यंत्र को इस तरह मॉडिफाई किया है जिसकी वजह से अब ट्रेन से डिब्बों में सौ प्रतिशत ताज़ा हवा का प्रवाह होता रहता है.
सुल्तानपुर से सफ़र तय कर आने वाले संजीव का कहना था कि जब वो ट्रेन में चढ़ने के लिए मेट्रो स्टेशन पहुंचे तो वो पूरे प्लेटफार्म पर अकेले यात्री थे.
डीएमआरसी ने पहले ही लोगों से ट्विटर के ज़रिए अपील भी की थी कि महामारी के प्रकोप को देखते हुए वो अनावश्यक यात्रा ना करें. डीएमआरसी ने ट्रेन के अंदर बैठे कुछ यात्रियों की तस्वीरें भी ट्वीट की और कहा, "वी आर ऑन अवर वे" यानी हम रास्ते पर हैं.
यात्रा के बदले हुए दिशा निर्देशों को देखते हुए डीएमआरसी ने अपनी मौजूदा संख्या से एक हज़ार अतिरिक्त लोगों को बहाल किया है ताकि महामारी के दौरान यात्रा करना सुरक्षित बना रहे.
सेवाओं के बहाल होने के पहले दिन दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने यात्रियों के लिए मुफ़्त मास्क की व्यवस्था भी की. राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर मौजूद दिल्ली पुलिस के संयुक्त कमिश्नर अतुल कटियार का कहना था कि ये व्यवस्था दिल्ली पुलिस और मेट्रो रेल प्रशासन ने मिलकर की है.
उनका कहना था कि ये इसलिए किया गया है ताकि जिन लोगों का मास्क ख़राब हो गया हो या गिर गया हो उन्हें स्टेशन पर ही मास्क मिल पाए.