प्रधानमंत्री निवास के पास पटाखे जलाने वाले शख्स के खिलाफ मामला दर्ज
नई दिल्ली। दिल्ली के रहने वाले एक शख्स के खिलाफ पटाखे जलाने पर मामला दर्ज किया गया है। व्यक्ति पर आरोप है कि उसने 21-22 सितंबर की आधी रात को पटाखे जलाए थे। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरोपी अपनी बेटी का जन्मदिन मना रहा था। उसी दौरान उसने पटाखे जलाए। तभी इस बात की सूचना पुलिस को मिल गई। पुलिस को विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के कंट्रोल रूम से शिकायत मिली थी। जिसमें कहा गया कि कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री निवास के पास पटाखे जला रहा है।
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली में तेज आवाज वाले पटाखे जलाना गैर कानूनी है। सप्रीम कोर्ट ने अक्तूबर 2018 में कहा था कि कम उत्सर्जन वाले हरे पटाखे ही दिल्ली में बेचे जा सकेंगे। कोर्ट ने पटाखा निर्माताओं को कम उत्सर्जन वाले ग्रीन पटाखे निर्मित करने की ही अनुमति दी थी। साथ ही बेरियम लवण वाले पटाखों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया था।
Delhi: Case registered under section 188 of the Indian Penal Code against a man in Chanakyapuri for bursting crackers on the intervening night of 21st-22nd September.
— ANI (@ANI) September 23, 2019
क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
जाहिर है, जब सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को लेकर अपना फैसला सुनाया था, तब अधिकतर लोग इस बात से अंजान थे कि ग्रीन पटाखे क्या होते हैं। ग्रीन पटाखों की बात करें, तो ये दिखने में सामान्य पटाखों की तरह की होते हैं। ये जलते भी वैसे ही हैं और साथ ही आवाज भी सामान्य पटाखों की तरह ही करते हैं। अंतर केवल इतना है कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण कम फैलता है। माना जाता है कि इनसे 40 से 50 फीसदी तक कम प्रदूषण फैलता है।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
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उन
पटाखों
का
निर्माण
नहीं
होगा
जो
ग्रीन
नहीं
हैं।
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उन
पटाखों
को
बेचने
पर
पाबंदी
होगी,
जो
बेरियम
युक्त
हैं।
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सभी
जगहों
के
लिए
पटाखे
जलाने
का
समय
अलग-अलग
रखा
गया
था।
-
नियमों
का
पालन
ना
करने
वालों
के
खिलाफ
पुलिस
कार्रवाई
करेगी।