दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द की धार्मिक चित्रों वाले सिक्कों को वापस लेने की याचिका
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को धार्मिक चित्रों वाले सिक्कों को बाजार से हटाए जाने की जनहित याचिका को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने इन सिक्कों से देश की धर्मिनरेपक्षता को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। बता दें कि दिल्ली के दो निवासियों ने इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कोर्ट अक्टबूद 2010 में बृहदेश्वर मंदिर और माता वैष्णो देवी की तस्वीरों वाली जारी सिक्कों को वापस लेने के लिए आरबीआई और वित्त मंत्रालय को निर्देश दे।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस हरि शंकर की बेंच ने कहा, 'यह किसी भी तरह से देश के धर्मनिरपेक्ष ताने बाने को नुकसना नहीं पहुंचाता है और न ही हमारी धर्मनिरपेक्षता हमें किसी समारोह के ऊपर सिक्के जारी करने से रोकती है।' कोर्ट ने इसके साथ ही यह भी कहा कि यह सिक्के लोगों के धर्मपालन को कैसे प्रभावित करते हैं याचिकाकर्ता इस संबंध में कोई मजबूत दलील नहीं पेश कर पाए।
हाईकोर्ट ने कहा, 'किसी भी मौके पर सिक्कों को जारी करना यह पूरी तरह से सिक्काकरण अधिनियम, 2011 के तहत सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।' कोर्ट ने कहा कि सिक्कों को किसी अन्य धर्म के स्मारकों पर भी जारी किया जा सकता है। धर्मनिरपेक्षता का मतलब यह नहीं होता है हम किसी धर्म से भेदभाव करें बल्कि इसका मतलब सभी धर्मों का बराबर सम्मान करना होता है।