दिल्ली मेट्रो के नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों की हड़ताल पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
नई दिल्ली। 30 जून से डीएमआरसी के 9000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारी हड़ताल पर जाने वाले थे। लेकिन हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है। ये कर्मचारी पिछले कुछ दिनों से दिल्ली मेट्रो के अलग-अलग स्टेशनों पर बांह में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे थे। हाईकोर्ट के स्टे के बाद डीएमआरसी के स्टाफ काउंसिल के पदाधिकारियों ने कहा कि हम हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं करेंगे, इसलिए स्ट्राइक अभी वापस ले रहे हैं।
कर्मचारियों की डीएमआरसी मैनेजमेंट के साथ बैठकें फेल हो गई थी
दिल्ली के परिवहन मंत्री ने कहा कि, दिल्ली सरकार कर्मचारियों की जायज मांगी को स्वीकार करेगी। इसके साथ ही डीएमआरसी के परिचालन के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। इससे पहले मेट्रो कर्मचारियों की डीएमआरसी मैनेजमेंट के साथ बैठकें फेल हो चुकी हैं।
सीएम से निर्देश मिले हैं कि मेट्रो कर्मचारियो की जायज मांगे मानी जानी चाहिए
मेट्रो के नॉन एग्जिक्यूटिव स्टाफ ने यमुना बैंक और शाहदरा समेत कई मेट्रो स्टेशनों पर प्रदर्शन भी किया। इस बीच डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर कहा कि सीएम से निर्देश मिले हैं कि मेट्रो कर्मचारियो की जायज मांगे मानी जानी चाहिए। ये कर्मचारी 10 जून से सांकेतिक भूख हड़ताल के साथ यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन पर खाली समय में प्रदर्शन भी कर रहे थे। डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल के सेक्रेटरी रवि भारद्वाज ने कहा, हम हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं और हड़ताल वापस लेते हैं पर हमारा विरोध जारी रहेगा जबतक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती। हम अपना काम काला पट्टा बांधकर करेंगे। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो यह विरोध और तेज होगा
9000 से अधिक कर्मचारी है नाराज
कर्मचारी 23 जुलाई को स्टाफ काउंसिल की बैठक में ग्रेड व वेतन बढ़ाने को लेकर हुए समझौते को लागू नहीं करने से नाराज है। मेट्रो परिचालन से लेकर मेट्रो ट्रेन और स्टेशन के रखरखाव की जिम्मेदारी गैर कार्यकारी कर्मचारियों के पास है। मेट्रो में इनकी संख्या 9000 से अधिक है। इनमें ट्रेन ऑपरेटर, स्टेशन कंट्रोलर, टेक्निशियन, ऑपरेटिंग स्टाफ, मेन्टेनेंस स्टाफ आदि शामिल हैं।