बदनाम बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी
नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के संस्थापक और स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु वीरेंद्र देव दीक्षित की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली हैं। सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट को सोमवार को सूचित किया कि वह वीरेंद्र दीक्षित को भगोड़ा घोषित करने के लिए कदम उठाएगी। दीक्षित बलात्कार के दो मामलों में आरोपी हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को यह प्रक्रिया जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
डेढ़ साल बाद भी वीरेंद्र देव दीक्षित का पता नहीं लगा पाने पर मुख्य पीठ ने सीबीआइ को फटकार भी लगाई। बता दें कि, जब से मामला उच्च न्यायालय पहुंचा है तब से दीक्षित फरार है और सीबीआई ने उसकी सूचना देने पर पांच लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया है। सीबीआई उसके खिलाफ ब्लू कार्नर नोटिस भी जारी करा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी उसका पता लगाने में नाकाम रही है। एजेंसी के मुताबिक, वीरेंद्र को आखिरी बार अपने मैनेजर की पत्नी के साथ नेपाल में देखा गया था और इसके बाद उसका कोई सुराग नहीं है।
इसके साथ ही मुख्य पीठ ने आध्यात्मिक विश्वविद्यालय को ध्वस्त करने के उत्तरी दिल्ली नगर निगम के फैसले के खिलाफ एमसीडी ट्रिब्यूनल में की गई अपील का आठ सप्ताह के अंदर निपटारा करने के भी प्राधिकारियों को निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा कि फोटो और वीडियो से साफ दिख रहा है कि यह आश्रम अवैध है। कोर्ट ने एमसीडी से पूछा कि बाबा के अवैध आश्रम पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है। एमसीडी ने बताया कि उसकी टीम आश्रम को तोड़ने के लिए गई थी, लेकिन इसके खिलाफ रोहिणी कोर्ट से स्टे ले लिया गया है।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि उसने बलात्कार के दोनों मामलों में दीक्षित के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है। एक एनजीओ ने अदालत में जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया कि रोहिणी में आध्यात्मिक विद्यालय में लड़कियों और महिलाओं को कैद में रखा गया है। वीरेंद्र रोहिणी स्थित अपने आश्रम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों को बंधक बनाकर रखने का आरोपी है। इस केस में सीबीआई को उसकी तलाश है।
VIDEO: चार मंजिला इमारत के मलबे में दबी महिला को NDRF टीम ने तीन घंटे बाद जिंदा निकाला