चुनाव खत्म होते ही दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र को भेजा नोटिस
नई दिल्ली। भारत में लोकसभा चुनाव 2019 का सफलतापूर्वक समापन 23 मई की तारीख को हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लगातार दूसरी बार राजग गठबंधन की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। चुनावों के नतीजे सामने आने के एक ही दिन बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र को एक नोटिस जारी किया है।
दरअसल हाईकोर्ट में कुछ राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में हाईकोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि ऐसे राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर देना चाहिए जो धार्मिक, जातिगत, नस्ल या भाषाई आधार पर पंजीकृत हैं। याचिका में यह भी कहा था कि ऐसे दलों को तीन महीने का समय दिया जाना चाहिए। अगर वे तब भी अपने में सुधार नहीं करते तो उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाए।
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यह याचिका भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर की गई है और इसमे तर्क दिया गया है कि धर्मों से जुड़े नाम का इस्तेमाल करने या राष्ट्रीय ध्वज जैसे प्रतीकों का उपयोग उम्मीदवार की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है और यह जनप्रतिनिधित्व कानून (आरपीए) 1951 के तहत भ्रष्ट गतिविधि के समान है। इसलिए याचिका में जो मांग की गई है वह कदम उठाने से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किये जा सकेंगे।
उन्होंने अपनी याचिका में हिंदू सेना, ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग जैसे दलों का भी जिक्र किया है। उन्होंने याचिका में यह भी कहा कि कांग्रेस समेत कई ऐसे राजनीतिक दल हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज जैसे झंडे का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा करना जनप्रतिनिधित्व कानून की आत्मा के विरुद्ध है।