COVID-19 समस्या के बीच पराली जलाने से रोकने के लिए दिल्ली HC ने केंद्र व राज्यों को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के मद्देनजर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने की घटना को रोकने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही राज्य सरकारों से पराली जलाने पर रोक के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया गया है। उधर सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को उस अर्जी पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा जिसमें इस आधार पर पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर रोक के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया गया है कि इससे कोविड-19 संबंधी समस्याएं और बढ सकती हैं। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने उस अर्जी पर केंद्र को नोटिस जारी किया जिसमें दलील दी गई थी कि पराली जलाये जाने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी बढ जाएगा जिससे शहर में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य समस्याएं और बढ सकती हैं।
अर्जी अधिवक्ता सुधीर मिश्रा की ओर से दायर की गई थी जिन्होंने अदालत से आग्रह किया कि केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया जाए कि वह मुद्दे के समाधान के लिए दिल्ली, पंजाब , हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के बीच एक बैठक का समन्वय करे। सुनवाई के दौरान मिश्रा ने अदालत को बताया कि पराली जलाया जाना पंजाब और हरियाणा में पहले ही शुरू हो चुका है।
केंद्र ने पीठ को बताया कि संबंधित राज्य सरकारों ने पराली नहीं जलाने या ऐसा करने पर जुर्माने का सामना करने को लेकर निर्देश जारी किये हैं लेकिन इसके बावजूद किसान ऐसा कर रहे हैं।अदालत ने मामले को 22 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और केंद्र सरकार से यह पता लगाने के लिए कहा कि क्या इसी तरह का कोई मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है। वहीं दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा की राज्य सरकारों पर पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 6 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे सीएम अमरिंदर, कहा- हमसे बिना पूछे पारित किए बिल