शांति भंग करने के आरोप में हुई गिरफ्तारी तो HC ने पुलिसवालों को भेजा नोटिस
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ले बाहरी जिले के 3 पुलिस कर्मियों को कंटेम्ट मामले में नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसे शांति भंग करने के आरोप में गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया था। 3 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह साफ निर्देश दिया गया है कि 7 साल से कम सजा के मामले में बिना ठोस कारण और सबूत के गिरफ्तारी नहीं हो सकती।
हाईकोर्ट ने तीनों पुलिसकर्मियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना का आरोप लगाते हुए प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता के वकील अवध बिहारी कौशिक ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने रोहिणी निवासी दिनेश को सीआरपीसी की धारा 107/151 के तहत शांति भंग करने के मामले में गिरफ्तार किया था।
आरोप है कि मनमाने तरीके से गिरफ्तारी के बाद उसे स्पेशल एग्जेक्युटिव मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और जेल भेज दिया गया। एडवोकेट कौशिक के मुताबिक उनके मुवक्किल को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने आउटर जिले के संबंधित पुलिस कर्मियों को कंटेम्प्ट मामले में नोटिस जारी किया गया। साथ ही पुलिस कमिश्नर ने पूछा कि वह बताएं कि एसपी को कैसे स्पेशल एग्जेक्युटिव मैजिस्ट्रेट बनाया जाता है।