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1984 सिख विरोधी दंगे: दोषियों के खिलाफ क्या थे आरोप, जिन्हें आज हुई उम्रकैद

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नई दिल्ली। 1984 के सिख दंगों में दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार (17-12-2018) को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराया है। सज्जन कुमार को भारतीय आचार संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 436, 295, 153A और 153B के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2013 के फैसले को पलटते हुए सज्जन कुमार को हत्याओं को अंजाम देने, दो समुदाय के बीच में वैमनस्यता फैलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दोषी पाया है। कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व सांसद को 31 दिसंबर तक सरेंडर करने के लिए कहा है।

सज्जन कुमार के साथ 5 अन्य आरोपी दोषी

सज्जन कुमार के साथ 5 अन्य आरोपी दोषी

सज्जन कुमार के साथ पांच अन्य आरोपियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई हैं, जिसमें महेंद्र यादव, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल, किशन खोखर और बलवान खोखर जैसे नाम शामिल है। इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच एस मुरलीधर और विनोद गोयल ने सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में पाया कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने के लिए सक्रिय सहानुभूति व्यक्त की थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस ने लापरवाही बरतते हुए पीड़ितों की शिकायत दर्ज नहीं की।

'सुनियोजित ढंग से सिख विरोधी दंगों को रचा गया'

'सुनियोजित ढंग से सिख विरोधी दंगों को रचा गया'

सीबीआई ने अपने चार्जशीट मे कोर्ट को बताया कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कैसे एक सुनियोजित ढंग से सिख विरोधी दंगों को रचा गया। मुख्य आरोपियों को सेक्शन 147, 148, 302, 395, 427, 436, 449, 153A, 295 और आईपीसी की 505 के तहत सजा मिलनी चाहिए, जिन्होंने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद लोगों को उकसाने और दंगों को भड़काने जैसा गुनाह किया था।

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1984 sikh riots में Congress Leader Sajjan Kumar को HC ने माना दोषी, उम्रकैद की सजा |वनइंडिया हिन्दी
1 व 2 नवंबर 1984 को माहौल किया गया खराब

1 व 2 नवंबर 1984 को माहौल किया गया खराब

चार्जशीट में कहा गया कि 1 व 2 नवंबर 1984 को दिल्ली कैंट, राज नगर और पालम कॉलोनी में भीड़ इकट्ठा होती है और सिख समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए जाते हैं। सिखों के खिलाफ इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए दो समुदाय के बीच भाईचारे को तोड़ने और नफरत भरे भाषण देकर माहौल को खराब किया गया था। जिसकी वजह से सिख और गैर सिख लोगों के बीच हिंसा हुई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। इसलिए दोषियों को आईपीसी की धारी 153A के तहत सजा होनी चाहिए।

कोर्ट में कहा गया कि आरोपियों द्वारा 1 और 2 नवंबर को भड़काऊ भाषण देते हुए जाट समुदाय के लोगों से कहा जा रहा था कि एक भी सिख नहीं बचना चाहिए और जो लोग सिखों को शरण दे रहे हैं उन्हें भी छोड़ा नहीं जाना चाहिए। इस वजह से आरोपियों को आईपीसी की धारा 505 के तहत सजा मिलनी चाहिए।

ये भी पढ़ें: 84 के दंगों की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा- इस नरंसहार को अभी भी किया जा रहा महसूस

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English summary
Delhi HC sentences former Congress MP Sajjan Kumar to life imprisonment in 1984 anti-Sikh Riots case
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