दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड लीज़ मामले में फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुन लेने के बाद एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, यानी AJL (नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र की मालिक) की उस अर्ज़ी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसमें लीज़ के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोपों के आधार पर उनकी लीज़ रद्द करने तथा हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश देने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। बता दें कि, केन्द्र ने AJL को 15 नवंबर तक अपना परिसर खाली करने का आदेश दिया था।
नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक ने शहरी विकास मंत्रालय के 30 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें मंत्रालय ने इस बिल्डिंग को 15 नवंबर तक खाली करने का असोसिएटेड जनरल्स लि. को नोटिस दिया था। बता दें इस आदेश में 56 साल पुरानी लीज़ को खत्म करते हुए आईटीओ के प्रेस एनक्लेव स्थित बिल्डिंग को खाली करने को कहा गया था। लेकिन कांग्रेस के अदालत में चले जाने और स्टे की वजह से बिल्डिंग खाली नहीं कराई गई।
बता दें 1962 में महज सवा लाख रुपये एकड़ की दर पर यह जमीन दी गई थी। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस बिल्डिंग के दुरुपयोग का सिर्फ उसका आरोप नहीं है, बल्कि खुद एक उच्चस्तरीय कमिटी ने इस बिल्डिंग का जायजा लिया था। यहां जांच की गई तो पता चला कि इस बिल्डिंग का अधिकांश हिस्सा किराए पर दिया गया है और यह किराया किसी ट्रस्ट की बजाय निजी खाते में जा रहा है।
उच्चस्तरीय कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि इस बिल्डिंग के बेसमेंट में कोई प्रिंटिंग प्रेस नहीं चलती, बल्कि एक ऐसी मशीन जरूर पड़ी थी, जो चालू हालत में नहीं थी। इस इमारत के अधिकांश हिस्सों को प्राइवेट कंपनियों को किराए पर दिया गया है। जबकि यह जगह एक समाचार पत्र को दी गई थी। लेकिन वहां कोई समाचार पत्र नहीं निकल रहा।
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