हाईकोर्ट पहुंचे निजी स्कूल, कहा- 7वें वेतन आयोग को लागू करने में देरी कर रही है दिल्ली सरकार
नई दिल्ली। एक निजी गैर सहायताप्राप्त स्कूल एसोसिएशन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि आप सरकार प्राइवेट स्कूलों में सातवां वेतन आयोग के क्रियान्वयन में देरी कर रही है। जिसके चलते टीचर, छात्र और अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले की सुनवाई मंगलवार को जस्टिट करेंगे। इससे पहले यह मामला पांच जजों के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। इन सभी जजों ने यह कहकर इस मामले से अपने आप को अलग कर लिया कि, उनके परिवार का कोई ना कोई बच्चा इन स्कूलों में पढ़ रहा है जो इस एसोसिएशन का हिस्सा हैं।
वेतन आयोग को निजी स्कूलों में लागू करने में देरी की जा रही है
एक्शन कमेटी अनएडेड रिकोगनाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स ने अपनी याचिका में दावा किया है कि जहां दिल्ली में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल सातवें केंद्रीय वेतन आयोग को तत्काल लागू कर दिया गया, वहीं निजी स्कूलों में इसे लागू करने में देरी की जा रही है।वकील कमल गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों को बढ़े वेतन और भत्ते सरकार अपने राजकोष से दे सकती है, लेकिन निजी संस्थान पूरी तरह से ऐसी देनदारियों को पूरा करने के लिए छात्रों से प्राप्त फीस पर निर्भर हैं।
शिक्षा निदेशालय के अप्रैल 2018 के फैसले को चुनौती
एसोसिएशन ने अपनी याचिका में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (डीओई) के हालिया अप्रैल 2018 के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें 7 वें वेतन पैनल की सिफारिशों को लागू करने से कई निजी स्कूलों को प्रतिबंधित किया गया है, जबकि दूसरों को आगे बढ़ने की इजाजत दी गई है।
फीस जमा करने में अभिभावकों को होती है परेशानी
याचिका में कहा गया है कि कार्यान्वयन और पूर्ववर्ती कार्यान्वयन में देरी न केवल उन स्कूलों के लिए बड़ी समस्याएं पैदा करती है, जिन्हें धन इकट्ठा करना होता है, बल्कि बकाया राशि का भुगतान करने वाले माता-पिता के बीच भारी असंतोष पैदा करती है।
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