कन्हैया कुमार पर देशद्रोह के आरोप के खिलाफ सरकारी वकील, चार्जशीट पर उठाए सवाल
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के सरकारी वकील जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाए जाने के खिलाफ है। दिल्ली सरकार ने उनसे राय मांगी थी कि दिल्ली पुलिस को 2016 के देशद्रोह केस में कन्हैया कुमार और अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी जाए कि नहीं। उन्होंने इसके जवाब में ये बात कही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि चार्जशीट में कुछ गड़बड़िया हैं।
कन्हैया पर राजद्रोह के खिलाफ सरकारी वकील
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार के गृह विभाग के सूत्रों से पता चला है कि दिल्ली सरकार ने सरकारी वकील राहुल मेहरा से राय मांगी खयी कि क्या फरवारी 2016 में कन्हैया कुमार और उनके सहयोगियों द्वारा दिया गया जेएनयू कैंपस में दिया गया भाषण देशद्रोह की श्रेणी में आता है? इस राय पर सरकारी वकील राहुल मेहरा ने कहा कि उन्होंने असली शिकायत को पढ़ा है, जो कि यूनिवर्सिटी की उच्च स्तरीय कमेटी ने 9 फरवरी 2016 की घटना के बारे में दी थी।
पुलिस की चार्जशीट में खामी
सरकारी वकील राहुल मेहरा का कहना है कि वो इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कुछ गड़बड़िया हैं। गृह विभाग को बताया गया है कि सरकार और उसकी नीतियों की आलोचना करना राष्ट्रदोह नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि यदि विरोधी आवाजों को दबा दिया जाए तो वह लंबे समय में लोकतंत्र के लिए खतरनाक हो सकता है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट बिना किसी पूर्व अनुमति के दाखिल की है और ऐसा लगता है कि पुलिस इस केस को लेकर चल रही चर्चाओं का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।
आरोपी छात्र बुरी तरह से प्रभावित
सरकारी वकील के मुताबिक गलत तरीके से दी गई मंजूरी की वजह से सभी आरोपियों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ये सभी छात्र हैं। कन्हैया और अन्य 9 लोगों के भाषण पर उन्होंने अपनी राय दिल्ली सरकार के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन को पिछले हफ्ते भेज दी है। उन्होंने कहा कि ये घटना भावनाओं में बहकर हुई और इसमें किसी भी आरोपी की मंशा किसी तरह की हिंसा भड़काने या सार्वजनिक अवहेलना की नहीं थी।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु के समर्थन में जुलुस निकाला गया था। इस कार्यक्रम में कन्हैया कुमार और उसके साथियों ने देश विरोधी नारे लगाए थे। ये लोग अफजल गुरू की फांसी का विरोध कर रहे थे। पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार,उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और अन्य को भी आरोपी बनाया है। इन पर आईपीसी की धारा 124A(देशद्रोह) और अन्य विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
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