दिल्ली सरकार कोरोना से मरने वालों की संख्या कम बता रही, अब जारी किया ये आदेश
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ रहा है, हर रोज यहां संक्रमित लोगों की संख्या और इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन इस बीच कोरोना वायरस से जिन लोगों की मौत हो रही है उसके आंकड़ों को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। दरअसल दिल्ली सरकार कोरोना से मरने वालों की जो संख्या जारी कर रही है वह अस्पताल के आंकड़ों से अलग है। दिल्ली सरकार की मानें तो शुक्रवार तक कोरोना वायरस की वजह से दिल्ली में तक 68 लोगों की मौत हो गई, जबकि अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार यह संख्या 107 है।
अस्पताल के आंकड़े सरकार के आंकड़ों से अलग
द हिंदू अखबार की खबर के अनुसार दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि अस्पताल के द्वारा मौत के आंकड़ों का ऑडिट किया जाता है, इसके बाद ही हेल्थ बुलेटिन के जरिए यह संख्या जारी की जाती है। दिल्ली सरकार के अनुसार राम मनोहर लोहिया अस्पताल में शुक्रवार तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अस्पताल की मेडिकल सुप्रिटेंडेंट मीनाक्षी भारद्वाज का कहना है कि यह संख्या 52 है। उन्होंने बताया कि हमने कई बार यह मुद्दा दिल्ली सरकार के सामने उठाया है। यही नहीं सरकार ने कोरोना संक्रमित लोगों की जो संख्या दी है, वह अस्पताल द्वारा दी गई संख्या से कम है। हर रोज हम ताजा आंकड़े दे रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं।
आंकड़ों में फर्क
इसी तरह दिल्ली सरकार के अनुसार लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में शुक्रवार तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अस्पताल के अनुसार कोरोना से शुक्रवार तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार 10 अस्पतालों के आंकड़े जारी करती है। उन अस्पतालों में जहां कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज नहीं होता, लेकिन यहां मरने वालों का सैंपल कोरोना पॉजिटिव आता है, उनके आंकड़ों को भी शामिल किया जाता है। शिवार को दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी करके इस दावे को खारिज किया। सरकार की ओर से कहा गया है कि यह गलत और राजनीति से प्रभावित है। डॉक्टरों की एक ऑडिट कमेटी है जो कोरोना से मरने वालों की संख्या का ऑडिट करती है। कमेटी के काम में किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
दिल्ली सरकार ने जारी किया ऑर्डर
वहीं
इस
बीच
आज
सरकार
ने
एक
आदेश
जारी
किया
है,
जिसमे
कहा
गया
है
कि
सभी
कोविड-19
अस्पताल
मृतकों
की
संख्या
को
हर
रोज
शाम
5
बजे
तक
मेल
के
जरिए
दें।
सभी
अस्पतालों
में
एक
नोड
अधिकारी
होगा
जोकि
समय
पर
यह
जानकारी
पहुंचाने
में
मदद
करेगा।
अगर
आंकड़ों
में
खामी
मिलती
है
तो
इसका
लिखित
जवाब
देना
होगा।
साथ
ही
दिल्ली
सरकार
ने
सभी
अस्पतालों
को
चेतावनी
दी
है
कि
अगर
रिपोर्ट
भेजने
में
देरी
होती
है
तो
इसके
गंभीर
परिणाम
होंगे।
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