Budget 2021: बजट से नाखुश दिखे सीएम केजरीवाल; बोले- केंद्र सरकार ने दिल्ली के साथ किया सौतेला व्यवहार
सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए यूनियन बजट पर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने निराशा व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार पर दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया।
नई दिल्ली। Budget 2021: सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए यूनियन बजट पर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने निराशा व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार पर दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि केंद्रीय करों में राष्ट्रीय राजधानी की हिस्सेदारी पिछले दो दशकों से 325 करोड़ रुपये तक जमी हुई है।
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इस बीच, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी बजट पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि इससे महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने इसको लेकर एक ट्वीट करते हुए कहा, "यह बजट चंद बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाला बजट है। ये बजट महंगाई के साथ आम जन-मानस की समस्याएं बढ़ाने का काम करेगा।"
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बजट की घोषणा के बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री सिसोदिया ने दावा किया कि केंद्र सरकार की ओर से आपदा से निपटने के लिए दिया जाने वाला बजट 161 से कम होकर 5 करोड़ कर दिया गया है। इसके अलावा केंद्र की ओर से दिल्ली को दिया जाने वाला अनुदान अब 1117 करोड़ रुपए से घटकर मात्र 957 करोड़ रह गया है।
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा, "बीजेपी की केंद्र सरकार ने बजट में दिल्ली को फिर निराश किया है। दिल्ली को बजट में केवल 325 करोड़ मिले हैं, जबकि दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ का टैक्स केंद्र को देते हैं। बीजेपी की सरकार ने बीजेपी शासित एमसीडी को भी एक भी रुपया नहीं दिया, जबकि देश भर के नगर निगमों के लिए 2 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं।
एमसीडी चुनाव के वक्त बीजेपी ने कहा था कि वे केंद्र से सीधे एमसीडी को पैसा लाएंगे। नई शिक्षा नीति(NEP) का इतना ढोल बजाने के बाद, बजट में शिक्षा का बजट पिछले साल से 6000 करोड़ कम क़र दिया है। (NEP में शिक्षा बजट GDP का कम से कम 6% करने की नीति बताई गई है।) बजट में साफ बता दिया गया है कि नई शिक्षा नीति बीजेपी के लिए केवल एक जुमला भर थी। इतिहास गवाह है कि परिवार हों या देश, आत्मनिर्भर वही बनता है जो अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा पर खर्च करता है। यहां तो शिक्षा का बजट 6000 करोड़ कम किया जा रहा है। बच्चे पढ़ेंगे नहीं तो देश आत्मनिर्भर कैसे होगा? आत्मनिर्भर बनाने की बात भी केवल जुमला ही है।"
वहीं, दिल्ली के वित्त मंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से अपील ही है कि दिल्ली की विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय करों में दिल्ली के वैध हिस्से को उसे दिया जाए।