दिल्ली अग्निकांड: दर्दनाक हादसे ने छीन ली एक ही परिवार के 11 लोगों की जिंदगी
दिल्ली अग्निकांड: दर्दनाक हादसे ने छीन ली एक ही परिवार के 11 लोगों की जिंदगी
नई दिल्ली। दिल्ली के अनाज मंडी में हुए अग्निकांड में 43 लोगों की मौत हो गई। बिल्डिंग में सो रहे मजदूरों को पता भी नहीं था कि ये रात उनकी जिंदगी की आखिरी रात है। 4 मंजिला इमारत में स्कूल बैग बनाने की फैक्टी चल रही थी, जिसके लिए एनओसी तक नहीं ली गई थी। पुलिसे ने फैक्टरी मालिक मोहम्मद रेहान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने रेहान के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 285 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संदर्भ में लापरवाही) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस हादसे में मरने वालों में अधिकांश लोग यूपी-बिहार के रहने वाले थे।
एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत
इस घटना ने मोहम्मद कासिम और रुकसाना का पूरा परिवार खत्म कर दिया। बिहार के सहरसा के रहने वाले मोहम्मद कासिम और रुकसाना के आंसू तो थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस घटना में उनके परिवार के 11 लोगों की मौत हो गई। रोते-रोत दोनों का बुरा हाल है। बिल्डिंग में चल रही फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का परिवार हादसे के बाद से अपनों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं।
एक ही गांव के 30 लोगों की मौत
दिल्ली के अनाज मंडी में लगी भीषण आग में मरने वाले 43 लोगों में से 30 लोग एक ही गांव के थे। इस हादसे में सबसे ज्यादा प्रभावितों संख्या बिहार के समस्तीपुर के एक गांव की है। समस्तीपुर के हरपुर गांव के 30 लोग इस हादसे में मारे गए। फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार अपनों की तलाश में घटनास्थल और अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। मृतकों और झुलसे लोगों को एलएनजेपी, हिंदू राव और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
इस फायर कर्मचारी ने बचाई 11 जिंदगियां
आग लगने के बाद सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड के कर्मचारी और अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान दिल्ली फायर सर्विस के पहले दमकलकर्मी राजेश शुक्ला ने बिना अपनी जान की परवाह किए सबसे पहले बिल्डिंग में दाखिल हए और 11 लोगों की जिंदगी बचाई। बचाव अभियान के दौरान उनके पैर में चोट लग गई , लेकिन वो रूके नहीं। सोशल मीडिया पर लोग उनकी बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं।
Fireman Rajesh Shukla is a real hero. He was the first fireman to entered the fire spot and he saved around 11 lives. He did his job till the end despite of his bone injuries. Salute to this brave hero. pic.twitter.com/5aebB2XLUd
— Satyendar Jain (@SatyendarJain) December 8, 2019