दिल्ली अग्निकांड: मौत सामने देख मजदूर ने दोस्त को किया आखिरी कॉल, बोला- 'भैया खत्म होने वाला हूं...'
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के अनाज मंडी स्थित एक फैक्ट्री में आग लगने से रविवार को 43 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घयल भी हुए हैं जिनका इलाज किया जा रहा है। देश भर से इस हादसे पर शोक व्यक्त किया गया, पीएम मोदी ने भी इस घटना पर अपने संवेदनाएं व्यक्त की। घटना स्थल का मंजर देखकर कई लोगों के रोंगटे खड़े हो गए, मरने वालों में बिहार का रहने वाला मुशर्रफ अली भी था जिसकी दर्दनाक कहानी का पता चला है।
मरने से पहले गांव में दोस्त को किया फोन
रविवार सुबह लगी भीषण आग ने फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों के बच निकलने का मौका नहीं दिया। मौत सामने देख कई लोगों ने बचने की कोशिश की लेकिन इसमें भी उनकी जान चली गई, इन्हीं में बिहार का रहने वाला मुशर्रफ अली भी था जो फैक्ट्री में मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालता था। हदसे में जान गंवाने से पहले उसने अपने गांव फोन कर दोस्त से कहा कि, मैं मर रहा हूं, अब मेरे परिवार का तुम ही साहारा हो, उनका ख्याल रखना।
मरने से पहले दोस्त से कहे ये आखिरी शब्द
मुशर्रफ अली के परिवार की देखभाल के लिए उसके अलावा और कोई नहीं था, मरते समय भी उसे यही चिंता लगी हुई थी। जब उसे एहसास हुआ कि वह अब नहीं बच पाएगा तो उसने बिहार में अपने पड़ोस के दोस्त को सुबह चार बजे फोन मिलाया। मुशर्रफ ने दोस्त से कहा कि वह अब बच नहीं पाएगा, उसके परिवार का ख्याल रखना। दोस्त ने फोन पर कहा किसी तरह निकलो वहां से, तो मुशर्रफ बोला यहां कोई रास्ता नहीं है।
खत्म हूं मैं भइया आज, मेरे घर का ध्यान रखना
मुशर्रफ अली अपने दोस्त से फोन पर बार-बार उसके परिवार का ख्याल रखने की मिन्नते करता है। वह बोलता है, भैया मैं आज खत्म होने वाला हूं, मेरे घरवालों का ध्यान रखना अब तुम ही हो उनका ख्याल रखने के लिए। इसी बीच उनसे कहा कि उसका दम घुट रहा है सांस भी नहीं आ रही है ठीक से, उसमे अपने आखिरा शब्द में भी यही कहा कि घर का ध्यान रखना। मुशर्रफ ने दोस्त से यह भी कहा कि घर वालों को सीधे मेरी खबर मत देने पहले किसी बड़े को बताना। मुशर्रफ को यह भी चिंता थी कि उसकी खबर मिलने पर कहीं घर में कुछ बुरा ना हो जाए।
आग ने ली 43 लोगों की जान
दिल्ली में हुए इस भयानक हादसे ने 43 लोगों की जान ले ली वहीं, मोहम्मद कासिम और रुकसाना का पूरा परिवार खत्म कर दिया। बिहार के सहरसा के रहने वाले मोहम्मद कासिम और रुकसाना के आंसू तो थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस घटना में उनके परिवार के 11 लोगों की मौत हो गई। रोते-रोत दोनों का बुरा हाल है। बिल्डिंग में चल रही फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का परिवार हादसे के बाद से अपनों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं।
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