दिल्ली चुनाव पर भाजपा की आंतरिक रिपोर्ट, हार के लिए सामने आईं ये दो वजहें
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में भारतीय जनता पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने दिल्ली चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन परिणाम वैसे नहीं रहे जैसा पार्टी के दिग्गज नेता दावा करते रहे। दिल्ली चुनाव के नतीजे आने के बाद मनोज तिवारी के अपने पद से इस्तीफे की खबरें आई थीं जिसे भाजपा नेता ने खारिज कर दिया था। चुनाव के नतीजों को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ पिछले दिनों बैठक भी की थी। वहीं, दिल्ली चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर आंतरिक आकलन के लिए बैठक बुलाई गई थी।
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बीजेपी को सिखों और दलितों का समर्थन नहीं मिला
इस बैठक के बाद आ रहीं खबरों के मुताबिक, पार्टी को विधानसभा चुनाव में सिखों और दलितों का समर्थन नहीं मिला और इस कारण भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, दिल्ली के प्रभारी श्याम जाजू और दिल्ली बीजेपी के महासचिव (संगठन) सिद्धार्थन शामिल हुए थे। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को केवल 8 सीटों पर जीत मिली थी।
जावड़ेकर भी हुए बैठक में शामिल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार पर मंथन करने के लिए बुलाई गई इस बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद रहे थे। इस बैठक में करीब 50 उम्मीदवार भी शामिल हुए थे जिनको हार का सामना करना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक के दौरान कई नेताओं ने इस बात की तरफ इशारा किया कि चुनाव में सिखों और दलित समुदाय ने भाजपा का समर्थन नहीं किया।
भाजपा को केवल 8 सीटों पर मिली थी जीत
इसके अलावा अन्य कारणों की तरफ भी इशारा किया गया। सूत्रों के मुताबिक, उम्मीदवारों के टिकट का ऐलान और घोषणापत्र में देरी भी हार के वजह के रूप में देखी गई। जबकि टिकट ना दिए जाने वाले उम्मीदवारों की भूमिका भी हार की वजह के रूप में रेखांकित की गई। इस बैठक में शामिल ना होने वाले पार्टी के उम्मीदवारों को कारण बताओ नोटिस भेजा जा सकता है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि बीजेपी को 8 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका था।