दिल्ली में किसकी सरकार: चुनाव परिणाम कल, जानिए कितने बजे से शुरू होगी काउंटिंग
नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सभी को इंतजार नतीजों का है। हर कोई ये जानने के लिए बेताब है कि आखिर इस बार देश की राजधानी पर किसका कब्जा होगा? मंगलवार को वोटों की गिनती के साथ ही स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर दिल्ली की जनता ने इस बार किस पर अपना भरोसा जताया है। मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी और अगले कुछ घंटे में ही ये स्पष्ट होने लगेगा कि दिल्ली में कौन सी पार्टी सत्ता संभालेगी। इस बार दिल्ली के सियासी जंग में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच। वहीं, वोटिंग के बाद सामने आए लगभग सभी एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की जीत का दावा किया गया है। हालांकि, फाइनल नतीजे क्या होंगे इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
मंगलवार सुबह 8 बजे से काउंटिंग
चुनाव आयोग की ओर से तय कार्यक्रम के मुताबिक, दिल्ली में मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी और सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जाएगी। काउंटिंग शुरू होने के अगले कुछ घंटे में ही दिल्ली की सियासी स्थिति स्पष्ट होने लगेगी। मतगणना को लेकर चुनाव आयोग ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। दिल्ली में 27 सेंटर बनाए हैं, जहां वोटों की गिनती की जाएगी। बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 8 फरवरी को वोट डाले गए थे।
एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की सरकार
इससे पहले दिल्ली को लेकर सामने आए एग्जिट पोल पर नजर डालें तो देश की राजधानी में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। वो पूर्ण बहुमत की सरकार बना सकती है। दूसरी तरफ, भाजपा को भी 2015 की तुलना में ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। भले सभी एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनती नजर आ रही हो लेकिन दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दावा किया है कि असल चुनाव परिणाम चौंकाने वाले होंगे। मनोज तिवारी ने एग्जिट पोल को भरोसा नहीं करने की बात कहते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी 48 सीटें जीतकर दिल्ली के तख्त पर राज करेगी।
वोटों की गिनती से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम
फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच सभी को इंतजार 11 फरवरी का है, जब मतों की गिनती शुरू होगी। इसके बाद ही स्पष्ट होगा कि आखिर की दिल्ली की आवाम का असली फैसला क्या है? बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था। उस समय AAP को 70 में से 67 सीटों पर कामयाबी मिली थी। दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) रही, जिनके खाते में 3 विधानसभा सीटें आई थीं।
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