भाजपा के साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ी नीतीश की JDU के उम्मीदवार हारे या जीते
नीतीश कुमार की जेडीयू के उम्मीदवारों को अपनी-अपनी सीटों पर कितने वोट मिले...
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर ली है। मंगलवार को घोषित हुए चुनाव नतीजों में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत हासिल की है। भाजपा को केवल 8 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। 2015 के विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस का इस चुनाव में भी खाता नहीं खुला और पार्टी का स्कोर जीरो ही रहा। भाजपा ने दिल्ली में जेडीयू और एलजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जेडीयू को चुनाव लड़ने के लिए दो सीटें और एलजेपी को एक सीट दी गई थी। आइए जानते हैं जेडीयू के उम्मीदवारों को अपनी-अपनी सीटों पर कितने वोट मिले।
दोनों उम्मीदवारों को मिले कितने वोट
भाजपा ने गठबंधन के तहत नीतीश कुमार की जेडीयू को चुनाव लड़ने के लिए दिल्ली की संगम विहार और बुराड़ी विधानसभा सीटें दी थी। जेडीयू ने बुराड़ी सीट पर शैलेंद्र कुमार को टिकट दिया था, जिन्हें आप आदमी पार्टी के उम्मीदवार के हाथों 88427 वोटों के भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर आप उम्मीदवार संजीव झा को 139368 वोट मिले, जबकि जेडीयू के शैलेंद्र कुमार के खाते में 50941 वोट ही जा पाए। यहां शिवसेना ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया था, जिन्हें 18022 वोट मिले। बुराड़ी सीट पर 1198 वोट नोटा के पक्ष में गए।
ये भी पढ़ें- Delhi results: दिल्ली में जीत के बाद क्या होगा अरविंद केजरीवाल का अगला कदम, दिए संकेत
42504 वोटों से संगम विहार में मिली हार
अब बात करते हैं दिल्ली की संगम विहार सीट की, जहां जेडीयू ने शिवचरण लाल गुप्ता को टिकट दिया था। शिवचरण लाल गुप्ता को भी इस सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा। संगम विहार सीट पर आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट दिनेश मोहनिया को 75307 वोट मिले, जबकि जेडीयू के शिवचरण लाल गुप्ता को 32803 वोट मिले। जेडीयू उम्मीदवार शिवचरण लाल गुप्ता को 42504 वोटों की बड़ी हार मिली। इस सीट पर बीएसपी के सुरेश चौधरी तीसरे नंबर पर रहे, जिन्हें 2927 वोट मिले। वहीं कांग्रेस की उम्मीदवार पूनम आजाद 2601 वोट हासिल कर चौथे नंबर पर रहीं।
शाहीन बाग के मुद्दे पर दिए गए विवादित बयान
आपको बता दें कि दिल्ली चुनाव में इस बार शाहीन बाग का मुद्दा भी गरमाया हुआ था। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में लोग पिछले करीब 2 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान शाहीन बाग को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने विवादित बयान भी दिए थे, जिन्हें लेकर चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं के प्रचार करने पर बैन लगाया था। दिल्ली में 2015 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा को 2015 में महज तीन सीटें ही मिल पाईं थी, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।
अब बदलाव की हवा चल पड़ी है: शरद पवार
वहीं, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी हार पर कहा, 'दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में मुझे कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं लगा। इन चुनाव नतीजों से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि देश में अब बदलाव की हवा चल पड़ी है। मुझे नहीं लगता कि भारतीय जनता पार्टी की हार का सिलसिला जल्दी से खत्म होगा। इस चुनाव में भी भाजपा ने सांप्रदायिक कार्ड खेलकर वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली की जनता ने उनकी बांटने वाली राजनीति को नकार दिया है।'
'इतनी बड़ी जीत के लिए अरविंद केजरीवाल को बधाई'
शरद पवार ने आगे कहा, 'भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिए सभी क्षेत्रीय दलों को एकसाथ आना चाहिए। दिल्ली के चुनाव परिणाम केवल राजधानी तक ही सीमित नहीं थे, सभी राज्यों के लोग वहां रहते हैं। जिस तरह उनके अपने राज्यों में बदलाव का माहौल है, उसे देखते हुए लोगों ने दिल्ली में भी अपने वोट के जरिए अपना फैसला सुनाया है। भारतीय जनता पार्टी के साथ राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में क्या हुआ, ये देखना चाहिए। भाजपा की हार का सिलसिला अभी खत्म होने वाला नहीं है। दिल्ली में जीत के लिए अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई।'