केजरीवाल के नामांकन में हुई देरी पर चुनाव अधिकारी ने दी सफाई, बताई वजह
नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आज नामांकन के नामांकन में जानबूझकर देरी कराने की अफवाहों का चुनाव आयोग ने खंडन किया है। बता दें कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नामांकन के आखिरी दिन आखिरकार पर्चा तो भरा लेकिन इसके लिए उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। नामांकन केंद्र पर उन्हें करीब 7 घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। जिसके आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोला था।
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सोशल मीडिया से मिली जानकारी पर निर्वाचन अधिकारी की सफाई
घटना को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी ने बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि, उनके कार्यालय को सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ जानकारी प्राप्त हुई हैं। जिसमें रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल के नामांकन में जानबूझकर देरी कराने की बात कही जा रही है, और प्रक्रिया में देरी कराने के लिए उम्मीदवार के नामांकन की जांच में 30-35 मिनट का समय लिया गया।
प्रक्रिया में समय लगता है:जिला निर्वाचन अधिकारी
जिला निर्वाचन अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि, उपरोक्त जानकारी भ्रामक है और चुनाव मशीनरी की ओर से जानबूझकर देरी नहीं हुई है। उम्मीदवारों से नामांकन प्राप्त करते समय रिटर्निंग ऑफिसर को कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। एक दिन पहले सोमवार को अपने 'रोड शो में भारी भीड़' की वजह से वह पर्चा दाखिल नहीं कर पाए क्योंकि वह दोपहर के 3 बजे के तय समय तक जामनगर हाउस में नामांकन पत्र भरने नहीं पहुंच पाए थे।
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7 घंटे करना पड़ा इंतजार
नामांकन के आखिरी दिन मंगलवार को केजरीवाल दोपहर 12 बजे के करीब जामनगर हाउस में नामांकन केंद्र पहुंचे। वहां पहले से तमाम निर्दलीय उम्मीदवार अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। उन्हें चुनाव अधिकारी ने 45 नंबर टोकन दिया। ऐसे में सीएम रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में अपनी बारी आने की प्रतीक्षा करते रहे। केजरीवाल जब नामांकन के लिए पहुंचे तो निर्दलीय उम्मीदवारों ने उन्हें सीधे एंट्री देने का विरोध किया।
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