तीस हजारी कोर्ट झड़प: वकीलों ने खत्म की हड़ताल, कोर्ट में पुलिसकर्मियों की तैनाती पर DCP को लिखा पत्र
नई दिल्ली। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में 2 नवंबर को हुए पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए थे। इसके विरोध में वकीलों ने हड़ताल का ऐलान किया था जिसे अब खत्म करने का फैसला ले लिया गया है। यह फैसला दिल्ली डिस्ट्रिक्ट बार कोऑर्डिनेशन कमेटी ने लिया है। कमेटी ने बताया कि 3 नवंबर से आधिकारिक रूप से शुरू किए गए हड़ताल को खत्म कर दिया गया है कल (शनिवार) से कोर्ट में फिर से काम शुरू होगा।
वहीं, कोर्ट परिसर में पुलिस कर्मियों के फिर से तैनाती पर उत्तर-पूर्वी जिले के मुख्य अभियोजक ने दिल्ली पुलिस के डीसीपी को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि दिल्ली के सभी कोर्ट कॉम्प्लेक्सों में ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों को फिर से वापस काम पर भेजा जाए। पत्र में मुख्य अभियोजक ने 5 पुलिस कर्मियों के नाम लिखे हैं जिंहे कोर्ट परिसर में तैनात होने की अनुमति दी जा सकती है। पत्र में पुलिस कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और स्थिति सामान्य होने के बाद उन्हें फिर से अपने संबंधित कर्तव्यों में तैनात किए जाने की बात कही गई है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली के प्रदूषण पर बैठक छोड़ इंदौर में जलेबी खाने को लेकर ट्रोल होने के बाद गंभीर ने दी सफाई
वकील
ने
दाखिल
की
आरटीआई
दिल्ली
के
वकील
विनोद
यादव
ने
गृह
मंत्रालय,
दिल्ली
एलजी
और
दिल्ली
पुलिस
के
कार्यालय
में
आरटीआई
दाखिल
कर
पूछा
था
कि,
5
नवंबर
को
धरना
देने
वाले
पुलिस
अधिकारियों
के
खिलाफ
किस
तरह
की
कार्रवाई
हो
सकती
है।
आरटीआई
में
पूछा
गया
है
कि
दिल्ली
पुलिसकर्मियों
का
धरना
देना
कानून
के
अंतर्गत
था
या
अवैध
था।
अगर
यह
अवैध
था
तो
उनके
खिलाफ
किस
तरह
की
कार्रवाई
की
जाएगी।
धरने
के
खिलाफ
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंचे
थे
वकील
राजधानी
दिल्ली
में
पुलिस
हेडक्वार्टर
के
सामने
धरना
देने
वाले
जवान
और
अधिकारियों
के
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
करने
के
लिए
वकीलों
ने
सुप्रीम
कोर्ट
का
भी
दरवाजा
खटखटाया
था।
सुप्रीम
कोर्ट
के
वकील
जीएम
मणि
सहित
कई
अन्य
वकीलों
ने
उच्चतम
न्यायालय
से
मांग
की
है
कि
वह
धरने
में
भाग
लेने
वाले
अधिकारियों
के
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
करने
के
आदेश
दे
साथ
ही
अनुशासनात्मक
कार्रवाई
का
भी
निर्देश
दे।