प्रदूषण को लेकर मनीष सिसोदिया का केंद्र पर निशाना, कहा- सरकार पूरे साल हाथ पर हाथ रखे बैठी रहती है
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता हर साल की तरह इस बार भी खराब होती जा रहा है, जिससे लोगों का हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है। यहां वायुमंडल में प्रदूषकों के बढ़ने से वायु की गुणवत्ता बिगड़ रही है। लोगों का कहना है कि अब उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है, ऐसा हर साल होता है इसलिए सरकार को ये समस्या सुलझाने के लिए कठिन प्रयास करने चाहिए। इसपर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि 'प्रदूषण और खासकर पराली का प्रदूषण सिर्फ दिल्ली की समस्या नहीं है, ये पूरे उत्तर भारत की समस्या है।'
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उन्होंने कहा कि 'अफसोस की बात है कि केंद्र सरकार ने पूरे उत्तर भारत में पराली के प्रदूषण को नीचे लाने के लिए कोई काम नहीं किया, पूरे साल हाथ पर हाथ रख कर बैठी रहती है।' आपको बता दें पराली जलाने की घटनाओं में काफी वृद्धि हो रही है। जिसे लेकर दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्यों को आए दिन इसका उपाय खोजने को कहती रहती है। क्योंकि इसी से दिल्ली की हवा जहरीली हो रही है। सिसोदिया ने आगे कहा, 'केंद्र सरकार की इस निष्क्रियता का नुकसान सिर्फ दिल्ली को नहीं, पूरे उत्तर भारत के लोगों को उठाना पड़ रहा है। प्रदूषण और कोरोना का खतरा दोनों होने से बहुत जानलेवा स्थिति हो सकती है, इस पर सारी सरकार मिलकर और केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए।'
वहीं दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिरनकी गांव, नरेला से पराली गलाने के लिए बॉयो डी-कंपोजर का छिड़काव शुरू किया है। उनका कहना है, दिल्ली में 700-800 हेक्टेयर जमीन है जहां धान उगाई जाती है और पराली निकलती है। अब ये घोल वहां छिड़का जाएगा। अगले कुछ दिन में छिड़काव हो जाएगा और 20-25 दिन में पराली खाद में बदल जाएगी। आसपास के राज्यों में फिर से पराली जलाना शुरू हो गया है जिससे धुआं दिल्ली पहुंचने लगा है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, दिल्ली के प्रमुख डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, 'उत्तर-पश्चिम की ओर से आने वाली हवाएं, जहां पराली जलाई जा रही है, दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता को खराब कर रही हैं। इसके अलावा यहां प्रदूषकों के लगातार रहने का कारण हवा की गति का कम होना भी है। मानसून राहत ला सकता है।' समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में एक दिल्लीवासी ने कहा, 'प्रदूषण से सांस लेने में दिक्कत हो रही है और कोरोना भी चल रहा है। प्रदूषण कम करने के लिए सरकार को कदम उठाने ही चाहिए।' एक अन्य व्यक्ति ने इसपर कहा, 'मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। हम इसके आदि हो चुके हैं क्योंकि ऐसा हर साल होता है। सरकार को इसपर अंकुश लगाने के लिए कड़े प्रयास करने चाहिए।'
दिल्लीवासियों
के
बाद
गैर-बासमती
की
खेती
करने
वाले
किसानों
को
केजरीवाल
दे
रहें
हैं
ये
मुफ्त
सुविधा