Ghazipur Border: राकेश टिकैत को मिला AAP का साथ, मिलने पहुंचे मनीष सिसोदिया
Farmers Protest: किसानों का आंदोलन 26 जनवरी को उग्र हो गया था। इस दौरान राजधानी दिल्ली में जमकर हिंसा हुई। जिससे नाराज कई किसान संगठनों से खुद को आंदोलन से अलग कर लिया, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के नेतृत्व में गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहे। साथ ही गुरुवार शाम वो काफी भावुक नजर आए। उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि जब तक नए कानून वापस नहीं होते तब तक वो गांव वापस नहीं जाएंगे। इस बीच आम आदमी पार्टी ने भी उनका समर्थन किया है। शुक्रवार सुबह दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे।
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दरअसल दिल्ली में हुई हिंसा के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रांरभिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन गुरुवार को AAP की नेशनल काउंसिल की बैठक हुई। जिसमें इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई और किसानों के समर्थन का ऐलान किया गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह डिप्टी सीएम गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि गुरुवार रात को ही किसानों के लिए पानी और टॉयलेट की व्यवस्था कर दी गई थी। उन्होंने खुद मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
टिकैत
के
आंसुओं
ने
बदली
तस्वीर
लाल
किले
पर
हिंसा
के
दौरान
तिरंगे
का
अपमान
हुआ।
साथ
ही
कुछ
उपद्रवियों
ने
वहां
पर
निशान
साहिब
लहरा
दिया।
जिसके
बाद
बड़ी
संख्या
में
किसान
नाराज
हो
गए
थे।
उन्होंने
साफ
कर
दिया
कि
उनका
आंदोलन
नए
कानूनों
के
खिलाफ
है,
ना
कि
देश
या
तिरंगे
के
खिलाफ।
शुरू
में
राकेश
टिकैत
आक्रामक
मुद्रा
में
थे,
लेकिन
गुरुवार
शाम
मीडिया
से
बात
करते
हुए
वो
रोने
लगे।
इसके
बाद
आंदोलन
फिर
से
बदल
गया।
आम
आदमी
पार्टी
के
सांसद
संजय
सिंह
ने
तुरंत
टिकैत
को
फोन
किया।
साथ
ही
आश्वासन
दिया
कि
वो
इस
मुद्दे
को
संसद
के
बजट
सत्र
में
उठाएंगे।