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दिल्ली के बड़े अस्पताल में शवों में हुई हेराफेरी, दो बार करना पड़ा पिता का अंतिम संस्कार

दिल्ली के बड़े अस्पताल में शवों में हुई हेराफेरी, दो बार करना पड़ा पिता का अंतिम संस्कार

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नई दिल्ली। दिल्ली में बड़े अस्पताल में कोरोना मरीज के शवों को लेकर हेराफेरी की खबर आई है। दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में एक ही नाम के दो शवों की अदला-बदली हो गई, जिसके बाद दिल्ली के दिल्ली गेट इलाके के रहने वाले कलामुद्दीन को अपने पिता का दो बार अंतिम संस्कार करना पड़ा। एक बार उसने अनजान शख्स को पिता मानकर उसे दफनाया तो दूसरी बार अपने असली पिता का अंतिम संस्कार किया। मामला दिल्ली के लोकनायक अस्पताल के मोर्चरी से जुड़ा है।

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अस्पताल में शवों की हेराफेरी

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अस्पताल के मोर्चरी में दो शव एक ही नाम मोइनुद्दीन था, जिसकी वजह से बड़ी गड़बड़ी हो गई। एक शव कलामुद्दी के पिता का था तो दूसरा शव एजाजुद्दीन के बड़े भाई का था। कलामुद्दीन के पिता की मौत किडनी फेल होने की वजह से हो गई थी। अस्पताल के मोर्चरी ने कागजों के आधार पर उसे शव दे दिया। परिवारवालों को शक हुआ, लेकिन उन्हें शव पहचानने में मुश्किल हो रही थी। उन्हें लगा कि बीमारी की वजह से उनके पिता का चेहरा फूल गया है इसलिए वो पहचान नहीं पा रहे हैं। उन्होंने शनिवार को अपने पिता को सुपुर्दे-खाक कर दिया।

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कोरोना मरीज का शव गुम

कोरोना मरीज का शव गुम

वहीं अगले दिन अस्पताल के मोर्चरी में जामा मस्जिद इलाके के रहने वाले अमीनुद्दीन पहुंचे और अपने भाई का शव मांगा। अमीनुद्दीन के भाई की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई थी, इसलिए उन्हें अपने भाई के शव के लिए अस्पताल के कई चक्कर लगाने पड़े थे। आधिकार रविवार को उन्हें मोर्चरी से शव लेने की कहा गया। वहां पहुंचे तो अमीनुद्दीन हैरान रह गए, क्योंकि जो शव उन्हें दिया गया था वो उनके भाई का था ही नहीं। मोर्चरी के कर्मचारियों ने उनके भाई का शव किसी और को दे दिया था।

दो बार करना पड़ा पिता का अंतिम संस्कार

दो बार करना पड़ा पिता का अंतिम संस्कार

अमीनुद्दीन को वहां से कलामुद्दीन का फोन नंबर और पता मिला था। वहां फोन कर उन्होंने पूरी बात बताई तो कलामुद्दीन का पूरा परिवार हैरान रग गया। उन्होंने शव की फोटो भेजने को कहा और फोटो देखते ही सब साफ हो गया। कलामुद्दीन ने गलती से अपने पिता की गलत अमीमुद्दीन के पिता को दफना दिया । बाद में कलामुद्दीन को दोबारा से अपने पिता का अंतिम संस्कार करना पड़ा। जब इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लोगों में खौफ का माहौल है। लोग कोरोनमा वायरस से इतने डरे हैं कि वो अपने परिजनों का शव भी ठीक से नहीं पहचान पाते हैं।

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English summary
Two bodies were mixed up at the mortuary at Lok Nayak Hospital as they had the same name.
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