'खून की दलाली' वाले बयान पर राहुल गांधी के खिलाफ FIR की मांग, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
नई दिल्ली: दिल्ली की एक कोर्ट ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राहुल के 'खून की दलाली वाली टिप्पणी' पर एफआईआर दर्ज करने की शिकायत पर सात जून तक फैसला सुरक्षित रखा है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'खून की दलाली' करने का आरोप लगाया था।
राहुल को कोर्ट से फिलहाल राहत
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर की शिकायत पर कोर्ट ने सात जून तक फैसला सुरक्षित रखा है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने एडवोकेट जोगिंदर तुली द्वारा दायर शिकायत पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया। जोगिंदर तुली ने कोर्ट में याचिका दायर कर पीएम मोदी के खिलाफ 2016 में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्देश देने को कहा था।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में क्या कहा?
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दिल्ली की अदालत के सामने एक एक्शन रिपोर्ट दाखिल की थी। इसमें कहा था कि राहुल गांधी ने पीएम मोदी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक बयान दिया था। इस पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। राहुल गांधी के इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।
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राहुल ने की थी विवादित टिप्पणी
राहुल गांधी ने साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक पर पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमारे जिन जवानों ने जम्मू कश्मीर में अपनी जान दी, सर्जिकल स्ट्राइक की। आप उनके खून की दलाली कर रहे हो, ये बिल्कुल गलत है। राहुल ने पीएम मोदी को नसीहत देते हुए ये भी कहा कि सेना ने अपना काम किया है आप अपना काम कीजिए। राहुल गांधी ने इसके बाद अपने बयान पर सफाई देते हुए ट्वीट किया था कि वो सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन करते हैं लेकिन राजनीतिक पोस्टर में सेना का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।