ISIS के लिए फंड इकट्ठा करने के जुर्म में दिल्ली कोर्ट ने दो लोगों को सुनाई सात वर्ष की कैद
दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने सुनाई आईएसआईएस के लिए भर्ती करने और पैसा जुटाने वाले दो व्यक्तियों को सात वर्ष की सजा। एक व्यक्ति जम्मू कश्मीर का और एक महाराष्ट्र का रहने वाला।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को आईएसआईएस से जुड़े दो व्यक्तियों का सात वर्ष की सजा सुनाई है। इन दोनों व्यक्तियों पर आईएसआईएस के लिए भर्ती करने और उसके लिए फंड इकट्ठा करने का आरोप था। डिस्ट्रिक्ट जज अमर नाथ ने जम्मू कश्मीर के 24 वर्षीय अजहर-उल-इस्लाम और महाराष्ट्र के 25 वर्षीय मोहम्मद फरहान शेख को यह सजा सुनाई है।
दोनों ने कोर्ट में दायर की थी याचिका
इन दोनों आरोपियों ने अपने वकील एमएस खान के जरिए एक एप्लीकेशन कोर्ट में दायर की थी। इस एप्लीकेशन में इन्होंने लिखा था, कि इनके दोनों के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं उसका उन्हें पछतावा है। एप्लीकेशन में यह भी कहा गया था कि इन दोनों का पूर्व में कोई भी अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और दोनों ही मुख्यधारा में आना चाहते हैं। दोनों समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं और खुद को पुर्नस्थापित करना चाहते हैं। एप्लीकेशन में लिखा था कि दोनों ही अपना गुनाह कुबूल कर रहे हैं और दोनों ने किसी दबाव, धमकी या फिर किसी प्रभाव के चलते अपना दोष स्वीकार नहीं किया है। कोर्ट की ओर से पिछले माह दोनों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे।
29 जनवरी 2016 को गिरफ्तार
इन दोनों के अलावा 36 वर्ष के अदनान हसन पर भी आईएसआईएस के लिए फंड इकट्ठा करने और लोगों की भर्ती करने के लिए अपराधिक षडयंत्र रचने का आरोप था। हसन के खिलाफ इसी कोर्ट में अलग से ट्रायल चलाया जा रहा है। कोर्ट ने दोनों पर आईपीसी के तहत अपराधिक षडयंत्र रचने और यूएपीए कानून के तहत आरोप तय किए हैं। एनआईए ने 28 जनवरी 2016 को इन तीनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसके अगले दिन जब तीनों अबु धाबी से नई दिल्ली पहुंचे तो इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।