Delhi Violence: कोर्ट ने खारिज कीं ताहिर हुसैन की 3 जमानत याचिका, बताई ये वजह
नई दिल्ली। उत्तरपूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी ताहिर हुसैन की तीन जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। ऐसा किए जाने की वजह भी अदालत ने बताई है। अदालत ने कहा है कि इस मामले में उसी क्षेत्र के निवासी गवाह भी हैं, अगर आरोपी को जमानत मिल जाती है, तो ऐसा हो सकता है कि वह उन्हें धमकाए भी। इसके चलते इन जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
इससे पहले इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 की धारा 44 और 45 को भी शामिल किया गया है। ताहिर के अलावा एक अन्य शख्स का नाम भी इसमें शामिल है। आपको बता दें इसी साल फरवरी माह में राजधानी दिल्ली में दंगे हुए थे, इस मामले की जांच पहले तो केवल दिल्ली पुलिस कर रही थी, लेकिन जब इसमें विदेश फंडिंग की बात आई, तो ईडी ने भी जांच शुरू कर दी।
दंगों की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को पता चला कि ताहिर को कई संगठनों से दंगाइयों को बांटने के लिए मोटी रकम मिली थी। आरोप है कि ताहिर ने फर्जी कंपनियों के जरिये करीब एक करोड़ 16 लाख रुपये सीएए विरोधी प्रदर्शनों और दंगों के लिए वितरित किए थे। यही नहीं जांच में ताहिर हुसैन और उसके कई सहयोगियों को भी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की गहरी साजिश में शामिल पाया गया था। इस मामले की जांच के दौरान ईडी ने अगस्त में ताहिर को 6 दिन की रिमांड पर लिया था।
वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को दिल्ली स्थित एक अदालत ने हिंसा के मामले में दाखिल चार चार्जशीट का संज्ञान लिया है। जिसमें दो चार्जशीट ताहिर हुसैन और दो निजी स्कूल के मालिक फैजल फारूक और 17 अन्य के खिलाफ है। चार्जशीट के मुताबिक दंगों के दौरान ताहिर हुसैन ने सभी को भड़काया था। जिसके बाद भीड़ ने दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की थी। मामले में ताहिर हुसैन का नाम आने के बाद ही आम आदमी पार्टी ने उसे निष्कासित कर दिया था।
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