AAP विधायक सोमनाथ भारती को करारा झटका, अफ्रीकी महिलाओं पर हमले की दोबारा जांच नहीं करेगी पुलिस
नई
दिल्ली।
आम
आदमी
पार्टी
से
मालवीय
नगर
के
विधायक
और
दिल्ली
के
पूर्व
कानून
मंत्री
सोमनाथ
भारती
को
कोर्ट
ने
करारा
झटका
दिया
है।
दिल्ली
की
अदालत
ने
सोमनाथ
भारती
की
उस
याचिका
को
खारिज
कर
दिया
है
जिसमें
उन्होंने
अफ्रीकी
महिलाओं
के
साथ
कथित
मारपीट
के
केस
की
दोबारा
जांच
कराने
जाने
की
मांग
की
थी।
भारती ने अडिशनल चीफ मेट्रोपोलिट मैजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने यह अर्जी दायर की थी, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक जनप्रतिनिधियों से जुड़े 100 से ज्यादा मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। पुलिस ने साल 2014 में यूगांडा की रहने वाली कुछ महिलाओं की शिकायत पर भारती व अन्य के खिलाफ यह केस दर्ज किया था।सोमनाथ भारती ने दोबारा जांच के लिए दूसरी बार अर्जी लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
इस मामले में दिल्ली पुलिस पहले ही अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। सोमनाथ भारती इस केस में आरोपी के तौर पर फिलहाल कोर्ट में ट्रायल फेस कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब दिल्ली के तमाम वो केस जिसमें विधायक और सांसद आरोपी हैं, उसमें एक साल के भीतर कोर्ट को सुनवाई पूरी करके अपना फैसला सुनाना है।
1 मार्च से सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों और सांसदों से जुड़े सभी मामलों में ना सिर्फ स्पेशल कोर्ट गठित की है बल्कि उनकी सुनवाई के लिए 1 साल की समय सीमा भी तय कर दी है। इसका अर्थ यह है कि सोमनाथ भारती से जुड़े इस मामले में कोर्ट अपना फैसला 1 साल में सुना देगा जिससे यह तय हो जाएगा कि अफ्रीकन महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोप सही थे या नहीं और कोर्ट से सोमनाथ भारती को कोई राहत मिलेगी या नहीं।