दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के नाम का ऐलान कल, ये नेता हैं रेस में सबसे आगे
नई दिल्ली। दिल्ली में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। माना जा रहा है कि पार्टी शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है। सूत्रों की मानें तो दिल्ली कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम पर शीर्ष नेतृत्व में सहमति बन गई है, जिसका शुक्रवार को ऐलान कर दिया जाएगा। दरअसल शीला दीक्षित के निधन के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का पद खाली था। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कई दावेदार रेस में बने हुए थे, लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ति आजाद इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं।
ये नेता हैं रेस में
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर कीर्ति आजाद के अलावा शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित का नाम भी चर्चा में है। उनके अलावा जेपी अग्रवाल भी इस रेस में शामिल हैं। बता दें कि इसी वर्ष जुलाई माह में शीला दीक्षित का निधन हो गया था, जिसके बाद से यह कुर्सी खाली है। चूंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय बचा है, ऐसे में पार्टी जल्द से जल्द इस कुर्सी को भर देना चाहती है। शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने दिल्ली के तमाम नेताओं और प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी पीसी चाको से मुलाकात की थी। हालांकि उस वक्त प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान नहीं किया गया था, लेकिन माना जा रहा है कि शुक्रवार को इसका ऐलान किया जा सकता है।
गुटों में बंटी कांग्रेस
दिल्ली कांग्रेस का नेतृत्व कई गुटों में बंटा हुआ है, ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व के लिए नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन आसान नहीं होगा। जिस तरह से पार्टी के भीतर गुटबाजी चल रही है, उसे देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि कीर्ति आजाद इर रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। कीर्ति आजाद पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं और बिहार के दरभंगा से दो बार सांसद रह चुके हैं। कीर्ति आजाद 1993 में दिल्ली के गोल मार्केट विधानसभा से भाजपा के विधायक रह चुके हैं।
दिल्ली से है कीर्ति का नाता
1998 में कीर्ति आजाद ने शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। इसी वर्ष फरवरी माह में उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस का दामन थामा था। इस बार झारखंड की धनबाद सीट से उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। दरअसल भाजपा और आप दोनों ही दल पूर्वांचल के वोटों पर नजर बनाए हैं, ऐसे में कीर्ति आजाद को कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर पूर्वांचल के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकती है।
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