राजधानी में एनआरसी: रामलीला में परशुराम बन विदेशी घुसपैठियों पर क्या बोले मनोज तिवारी?
नई दिल्ली। असम में एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के लागू होने के बाद से ही कई बीजेपी प्रशासित प्रदेशों में भी इसे लागू करने की मांग उठ रही है। बीजेपी के नेताओं ने केंद्र शासित प्रदेश और देश की राजधानी दिल्ली में भी इसे लागू करने की मांग की है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने स्थानीय रामलीला में परशुराम का किरदार निभाते हुए 'विदेशी घुसपैठिए' शब्द का इस्तेमाल किया है।
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उनके रामलीला में इस शब्द के इस्तेमाल किए जाने के बाद से इसे उनकी एनआरसी की मांग के साथ जोड़ा जा रहा है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि देश की राजधानी में भी इसे लागू किया जाए ताकि विदेशी घुसपैठियों का पता चल सके। मनोज तिवारी ने परशुराम की भूमिका निभाते हुए कहा, 'जनक, हमारे बीच में कई देशों के राजा हैं। ये भीड़ कहां से आई है? क्या आपने इन्हें आमंत्रित किया है या फिर ये विदेशी घुसपैठिए हैं।'
बता दें दशहरा आने से पहले उत्तर भारत में जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है। जो महाकाव्य रामायण पर आधारिक एक नाटक होता है। अपने दूसरे डायलॉग में तिवारी ने 'आतंकी' शब्द का इस्तेमाल किया। रामलीला में ये सब बोलने के बाद तिवारी ने कहा कि उन्होंने रामलीला के निर्देशक से अनुमति लेने के बाद संवादों में सुधार किया था।
उनका कहना है, 'मुख्य बात यह है कि इस देश के नागरिकों को भारत के किसी भी हिस्से से नहीं निकाला जा सकता है। लेकिन हम घुसपैठियों की पहचान करेंगे।'
हालांकि आम आदमी पार्टी ने तिवारी के ऐसा कहे जाने की निंदा की है। पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है, 'बीजेपी को कम से कम धर्म को अपनी सस्ती राजनीति से दूर रखना चाहिए। अगर वे एनआरसी के बारे में बात करते हैं, तो उन्हें असम जाना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि यूपी और बिहार के लोग, जो अपनी आजीविका कमा रहे थे, उन्हें विदेशी घोषित किया गया है।'
31 अगस्त को प्रकाशित असम की एनआरसी सूची में 19 लाख लोगों को जगह नहीं मिली है। सत्तारूढ़ बीजेपी ने कहा है कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने इस पर मंगलवार को कहा, 'दीदी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) कह रही हैं कि वह एनआरसी लागू नहीं होने देंगी, मैं आपसे वादा करना चाहता हूं कि हम एक भी घुसपैठिए को नहीं रहने देंगे। किसी एक शरणार्थी को नहीं जाना होगा, कोई भी घुसपैठिया नहीं रह पाएगा, यह भाजपा का वादा है।'
जब असम में एनआरसी की अंतिम सूची आई तो तिवारी ने कहा था कि ऐसा ही दिल्ली में भी होना चाहिए ताकि अवैध प्रवासियों का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा था, 'दिल्ली की स्थिति इतनी खतरनाक होती जा रही है कि एनआरसी का होना आवश्यक है। यहां आने वाले अवैध अप्रवासी सबसे खतरनाक हैं ... समय आने पर हम एनआरसी को लागू करेंगे।'
तिवारी के ऐसा कहे जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बयान में कहा था, 'अगर एनआरसी दिल्ली में लागू हो गया, तो सबसे पहले मनोज तिवारी को दिल्ली छोड़नी पड़ेगी।'
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