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दिल्ली के चुनावी मंच पर लिखी जा रही बिहार चुनाव की पटकथा, यहां थोड़ा दो वहां ज्यादा लो

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नई दिल्ली। दिल्ली के चुनावी मंच पर बिहार चुनाव की पटकथा लिखी जा रही है। भाजपा और कांग्रेस ने यहां थोड़ा दो वहां ज्यादा लो का प्लॉट तैयार कर लिया है। जदयू और राजद बिहार में सरदार हैं लेकिन बाहर बेअसरदार हैं। दोनों की ख्वाइश दिल्ली में पांव जमाने की है इसलिए वे भी इस सौदे के लिए राजी हो गये। राजद ने 7 सीटों पर लड़ने की बात कही थी। लेकिन कांग्रेस ने उसे सिर्फ चार सीटें दीं। जदयू ने सभी 70 सीटों लड़ने की घोषणा की थी। लेकिन भाजपा ने उसे दो सीटें दी हैं। भाजपा और कांग्रेस अपने सहयोगी दलों को दिल्ली में इसलिए सीटें दे रही हैं ताकि बिहार चुनाव के समय वे अधिक से अधिक हिस्सा ले सकें। बिहार एनडीए को मजबूत करने के लिए भाजपा ने लोजपा को भी दिल्ली में एक सीट दी है। चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि भाजपा , जदयू और लोजपा बिहार के बाहर मिलजुल कर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने भी पहली बार दिल्ली में राजद से गठबंधन किया है।

भाजपा 67, जदयू 2 और लोजपा 1

भाजपा 67, जदयू 2 और लोजपा 1

बिहार एनडीए अब दिल्ली एनडीए में तब्दील हो गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा, जदयू और लोजपा एक साथ मैदान में उतर रहे हैं। भाजपा को 67, जदयू को 2 और लोजपा को 1 सीट मिली है। जदयू को बुराडी और संगम बिहार सीट मिली है तो लोजपा को सीमापुरी सीट दी गयी है। बुराडी से जदयू के शैलेंद्र कुमार और संगम बिहार से जदयू के डॉ. एससीएल गुप्ता उम्मीवार होंगे। डॉ. गुप्ता पहले भाजपा के विधायक रहे हैं। अगर खुदा न खास्ते भाजपा अधिकतर सीटें जीत लेती हैं तो जदयू और लोजपा को सरकार में शामिल होने का मौका मिल सकता है। अगर ऐसा होता है तो बिहार के इन दो क्षेत्रीय दलों को दिल्ली में भी आधार बढ़ाने में मदद मिल सकती है। भविष्य की राजनीति को ध्यान में रख कर जदयू और लोजपा मामूली हिस्सेदारी पर भी राजी हुए हैं। हालांकि लोजपा पहले 15 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है। इस संबंध में आधिकारिक फैसला पार्टी के नये अध्यक्ष चिराग पासवान को करना है। भाजपा ने इस गठबंधन के जरिये अकाली दल की भरपायी की कोशिश की है। जदयू को भले दो सीटें मिली हैं लेकिन उसने भाजपा को इसके लिए तहेदिल से शुक्रिया अदा किया है। जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि भाजपा का यह फैसला अटल युग की याद दिला रहा है। बिहार जदयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि अगर भाजपा और जदयू का गठबंधन बिहार से बाहर भी बढ़ रहा है तो इसमें हर्ज क्या है।

कांग्रेस 66 और राजद 4

कांग्रेस 66 और राजद 4

कांग्रेस 66 और राजद 4 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। राजद को बुराड़ी, उत्तम नगर, पालम और किराड़ी सीट मिली है। राजद ने शुरू में कांग्रेस पर 7 सीटों के लिए दबाव बनाया था लेकिन बात नहीं बनी। राजद ने किराड़ी से मोहम्मद रियाजुल खान, बुराड़ी से प्रमोद त्यागी, उत्तम नगर से शक्ति कुमार विश्वनोई और पालम से निर्मल कुमार सिंह को मैदान में उतारा है। राजद के दिल्ली चुनाव प्रभारी मनोज झा का कहना है कि इस कांग्रेस के सहयोग से राजद इन चार सीटों पर मजबूत प्रदर्शन करेगा। बकौल मनोज झा, दिल्ली में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनेगी। अगर ऐसा होता है तो राजद झारखंड के बाद एक और राज्य में सत्ता का भागीदार बन जाएगा। कानूनी समस्याओं से जूझ रहे लालू परिवार के लिए दिल्ली की सत्ता संजीवनी साबित हो सकती है। राजद ने भी सुखद भविष्य की कल्पना में ही ये सौदा मंजूर किया है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने बिहार में राजद को साधने के लिए ये दांव खेला है। बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के बीच जिस तरह मारामरी मची है उसको देख कर कांग्रेस अपनी गोटी पहले से मजबूत करना चाहती है।

जदयू ने भाजपा के लिए पीके और पवन को किया शंट

जदयू ने भाजपा के लिए पीके और पवन को किया शंट

सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पूर्व सांसद पवन वर्मा ने पिछले कुछ समय से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। दोनों ने नीतीश कुमार पर नीतियों से समझौता करने का आरोप लगाया है। जदयू चूंकि इन दोनों नेताओं को पार्टी में सजावटी चेहरा मानता है इसलिए इनके विरोध को दरकिनार कर दिया गया। नीतीश कुमार ने ही इन दोनों नेताओं को राजनीति में स्थापित किया है इसलिए उनको हैसियत बता दी गयी। चूंकि प्रशांत किशोर दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल के लिए चुनावी रणनीति बना रहे हैं इसलिए भी जदयू को उनको लेकर आशंकाएं थीं। नीतीश ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर कर उन्हें पार्टी लाइन से बार जाने की सजा सुना दी। इन दोनों नेताओं को भाजपा विरोध की कीमत चुकानी पड़ी। झारखंड चुनाव के बाद अमित शाह लगातार नीतीश के समर्थन में बयान दे रहे हैं। नीतीश भी वफा का जवाब वफा से दे रहे हैं।

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English summary
Delhi Assembly Elections 2020: Screenplay of Bihar election being written on the electoral stage of Delhi
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