दिल्ली चुनाव के बीच नीतीश ने दिया प्रशांत किशोर को बड़ा झटका, इस लिस्ट से किया बाहर
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच नीतीश कुमार ने पार्टी नेता प्रशांत किशोर को लेकर एक बहुत बड़ा फैसला लिया है...
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने राजधानी की सभी सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने भाजपा ने नई दिल्ली सीट पर युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर रोमेश सभरवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने दिल्ली में दो सीटें अपनी सहयोगी पार्टी जेडीयू के लिए छोड़ी हैं। इस बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पार्टी नेता प्रशांत किशोर को दिल्ली में एक बड़ा झटका दिया है।
प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को लिस्ट से रखा गया बाहर
दरअसल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जेडीयू की तरफ से जारी हुई स्टार प्रचारकों की सूची में प्रशांत किशोर का नाम नहीं है। प्रशांत किशोर के अलावा जेडीयू ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा को भी स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखा है। माना जा रहा है कि हाल के दिनों में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने के चलते इन दोनों नेताओं को स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। इस पूरे मामले को नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच मतभेद के तौर पर देखा जा रहा है।
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दिल्ली में पीके की कंपनी केजरीवाल के साथ
प्रशांत किशोर को स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखने की एक बड़ी वजह यह भी है कि चुनावी रणनीति बनाने वाली उनकी कंपनी आई-पीएसी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी के लिए काम कर रही है। जबकि, दिल्ली में जेडीयू और भाजपा गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने दिल्ली की बुराड़ी और संगम विहार सीटें जेडीयू को चुनाव लड़ने के लिए दी हैं। ऐसे में अगर प्रशांत किशोर को स्टार प्रचारकों में शामिल किया जाता तो यह जेडीयू के लिए बहुत ही असहज स्थिति होती और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के ऊपर सवाल खड़े होते।
भाजपा से गठबंधन पर पवन वर्मा ने जताई नाराजगी
वहीं, दूसरी तरफ जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर भाजपा के साथ दिल्ली में गठबंधन करने को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पवन वर्मा ने लिखा है, 'नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर देशभर में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, ऐसे में जेडीयू ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन कैसे कर लिया। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर नीतीश कुमार का अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। नीतीश कुमार ने एक बार खुद मुझसे कहा था कि भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी देश के लोकतांत्रिक ढांचे को तहस-नहस कर रहे हैं तो फिर अब उन्होंने दिल्ली में भाजपा के साथ गठबंध क्यों किया है।'
दिल्ली में 11 फरवरी को घोषित होंगे नतीजे
इससे पहले सोमवार शाम को भाजपा ने दिल्ली के लिए 10 उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की। इस सूची में दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को हरिनगर से टिकट दिया गया। कांग्रेस ने भी सोमवार शाम को अपने 7 प्रत्याशियों की सूची जारी की और इसके बाद बची हुई 5 सीटों पर मंगलवार को उम्मीदवारों का ऐलान किया। भाजपा ने दिल्ली में दो सीटें जेडीयू और एक सीट एलजेपी को दी है। वहीं, कांग्रेस ने चार सीटें आरजेडी के लिए छोड़ी हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आने वाली 8 फरवरी को मतदान होगा। विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
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