दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन को टाला, इमरजेंसी बैठक के बाद फैसला
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नई दिल्ली। दिल्ली में सोमवार से लागू होने वाला ऑड-ईवन फार्मूला अब लागू नहीं होगा। NGT ने मामले में केजरीवाल सरकार को हरी झंडी देने के बाद अब दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन लागू नहीं करने का फैसला लिया है। शनिवार को NGT ने दिल्ली सरकार की दलीलों को मानते हुए राजधानी में 13 से 17 नवंबर तक ऑड-इवन लागू करने की अनुमति दी, लेकिन एनजीटी ने महिलाओं और बाइक सवार लोगों पर पाबंदी के बाद दिल्ली सरकार ने ऑड ईवन पर फैसला बद लिया है। बता दें NGT ने दुपहिया वाहनों, सरकारी कर्मचारियों और महिलाओं को भी छूट नहीं दी है। सुनवाई के दौरान NGT ने दिल्ली सरकार से पूछा कि इस स्कीम से शहर में प्रदूषण कैसे घटेगा, इसको लेकर सरकार ने एक-एक करके अपने जवाब रखे। इसका साथ एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पार्किंग चार्ज चार गुना करने के फैसले पर दोबारा विचार करने की बात कही थी। इस मामले में 14 नवंबर को एनजीटी में अगली सुनवाई होगी।
इससे पहले स्मॉग और प्रदूषण के चलते ऑड-इवन लागू होने के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। शनिवार को जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि जब प्रदूषण के कारण पहले से ही हवा खराब हो रही थी, तब क्यों ऑड-इवन लागू नहीं किया गया। साथ ही एनजीटी ने पूछा है कि जब दिल्ली में प्रदूषण अब घट गया है तो इस ऑड-इवन का क्या मतलब।
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को केजरीवाल सरकार से कहा कि आर्डर दिखाइए जिसमें ऑड-इवन लागू करने की बात कह रहे हैं, जिसमे निर्देश है। साथ ही एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि वे स्टेट जारी कर बताएं कि शहर में एक व्यक्ति कितनी बार सही से सांस ले पा रहा हैं।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार के वायु प्रदूषण पर काबू के लिए 13 नवंबर से 17 नवंबर तक शहर में ऑड-इवन फॉर्मूला लागू करने की घोषणा की थी। सरकार के इस फैसले पर एनजीटी ने मुहर लगा दी है। जिस पर एनजीटी ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि इस फॉर्मूले की पिछली बार की उपयोगिता साबित होने के बाद ही इसे आगे लागू करने की इजाजत दी जाएगी। साथ ही एनजीटी ने केजरीवाल सरकार से पूछा है कि जब प्रदूषण बढ़ रहा था तब कृत्रिम बारिश क्यों नहीं की गई, जिससे की शहर के प्रदूषण कम किया जा सके।