प्रदूषण पर एनजीटी सख्त, दिल्ली और केंद्र के संबंधित अधिकारियों को किया तलब
नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली में हवा की बेहद खराब गुणवत्ता को लेकर दिल्ली और केंद्र के संबंधित अधिकारियों को समन जारी किया है। एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी, चेयरमैन, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी के सदस्य सचिव , दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति डीपीसीसी अध्यक्ष और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधिकारियों को समन जारी किया है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की पीठ ने बंद कमरे में हुई सुनवाई के बाद दिल्ली की हवा को लेकर ये समन जारी किए हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को मंगलवार सुबह साढ़े 10 बजे पेश होने को कहा गया है।
राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बीते करीब एक हफ्ते, खासतौर से दिवाली के बाद से वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति बनी हुई है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। सोमवार को दिल्ली से लगे हरियाणा के गुड़गांव में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 800 से ज्यादा दर्ज हुआ, जो सीजन में सबसे अधिक है। दिल्ली में रविवार को एक्यूआई 700 से ज्यादा पहुंचा था। रविवार को ज्यादातर इलाकों में विजिबिलिटी (दृश्यता) काफी कम थी।
राजधानी में वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सोमवार को फिक्र जाहिर करते हुए कहा है कि ये जो हो रहा वो सभ्य देशों में नहीं होना चाहिए। दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति भयावह है। ये हर साल हो रहा है और सच्चाई ये है कि हम इसके लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस पर सरकारों को ध्यान देना चाहिए।
अदालत ने कहा, हमारी नाक के नीचे हर साल वही बातें होने लगती हैं। लोगों को दिल्ली नहीं आने, या दिल्ली छोड़ने की सलाह दी जा रही है। हम हर चीज का मजाक बना रहे हैं इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों पर सख्त होते हुए कहा, "केंद्र को करना चाहिए या राज्य को करना चाहिए" इस पर नहीं जाना चाहिए। स्थिति गंभीर है, केंद्र और दिल्ली सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगाने की बजाय कदम उठाएं। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने को लेकर कुछ उपाय करने को कहा है।