Delhi Air pollution: दिल्ली में दशहरे के जश्न के बीच वायु प्रदूषण हुआ दोगुना, आनंद विहार का AQI 405 के पार
दिल्ली में दशहरे के जश्न के बीच वायु प्रदूषण हुआ दोगुना, आनंद विहार का AQI लेवल 405 के पार
नई दिल्ली: Delhi Air pollution Air Quality Index: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर दशहरे (Dussehra) के पर्व के बाद दोगुना हो गया है। दशहरा में पटाखा और रावण दहन के बाद वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। बीते रविवार की शाम 6 बजे के बाद प्रदूषण मापन के पांच निगरानी केन्द्रों टपड़गंज, इंडिया गेट, द्वारका, नजफगढ़ और मुंडका पर प्रदूषकों की सांद्रता दोगुनी हो गई। दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण के मुताबिक प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को पांच निगरानी स्टेशनों पर हवा की गति के आधार पर मापा गया है, जो निरंतर और निम्न, 0.1 और 1 मीटर प्रति सेकंड के बीच में था।
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पटाखे जलाने से बढ़ा अचानक वायु प्रदूषण
पांचों निगरानी स्टेशनों पर रविवार की शाम पटाखे जलाने व रावण दहन के बाद अचानक 2.5 और 10 माइक्रोमीटर (पीएम 2.5, पीएम 10) के कण में अचानक स्पाइक पाया गया। अधिकारी के मुताबिक कण में ये स्पाइक पटाखों को जलाने सहित दहन गतिविधियों के बाद उत्सर्जित होते हैं। अधिकारियों ने कहा कि पटाखे एकमात्र अतिरिक्त वायु प्रदूषण के स्रोत थे जो रविवार शाम 6 बजे के बाद दिल्ली में हुए। जिसका अर्थ है कि प्रदूषण के स्तर में वृद्धि, आंशिक रूप से, पटाखे जलाने से संबंधित है।
आनंद विहार का AQI लेवल 405 के पार
दिल्ली (AQI Level) के कुछ इलाकों में तो प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में है। दशहरा के पर्व के बाद सोमवार की सुबह दिल्ली की हवा 'गंभीर' श्रेणी में है। दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण के मुताबिक आज सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 405 रहा। आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 405 पर है। रोहिणी, आईटीओ और द्वारका सहित कई स्थानों पर AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में है। इस सीजन में यह पहली बार है जब दिल्ली की हवा का AQI 405 के पार गया है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से सुबह साइकिलिंग करने आ रहे लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है। सुबह साइकिलिंग पर आए मुकुल ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ रहा है कि पिछले एक हफ़्ते से साइकिल नहीं चला पा रहा हूं। सांस लेने में परेशानी हो रही है।"
कोरोना की वजह से दिल्ली में कम जले पुतले
कोरोना की गाइडलाइन को देखते हुए इस साल में दिल्ली दशहरा का आयोजन बड़े पैमाने पर नहीं किया गया था। बाकी सालों के मुताबिक इस बार पुतले भी काफी छोटे बनाए गए थे और उसमें पटाखें भी कम लगाए गए थे। हालांकि इसका खासा असर वायु प्रदूषण पर दिखा नहीं।