कोरोना वैक्सीन: दिल्ली AIIMS ने लिए 1125 सैंपल, पहले फेज में 375 लोगों पर शुरू हुआ ट्रायल
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के 11 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। मौजूदा वक्त में रोजाना 30 हजार से ज्यादा मामले रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। ये स्थिति तब तक रहेगी, जब तक कोरोना वायरस की वैक्सीन बाजार में नहीं आ जाती। एक भारतीय कंपनी ने भी कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाई है, जिसका देश के 12 संस्थानों में ट्रायल किया जा रहा है। जिसमें दिल्ली एम्स भी शामिल है, जहां आज से ट्रायल शुरू हुआ। इस ट्रायल को लेकर एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने विस्तार से जानकारी दी है।
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मामले में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि फेज-1 में वैक्सीन का ट्रायल 18-55 साल के स्वस्थ लोगों पर किया गया है, जिन्हें कोई को-मोरबिडिटी नहीं है। ट्रायल के लिए कुल सैंपल 1125 लिए गए हैं, जिसमें से 375 हेल्दी लोगों पर पहले फेज में और 12-65 साल के 750 लोगों पर दूसरे फेज में ट्रायल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वैक्सीन के तीन फॉर्मुलेशन ट्राई किए जाएंगे। पहले फेज में ये देखा जाएगा कि वैक्सीन कितनी सेफ है और इसका कितना डोज दिया जाना चाहिए। तीसरे फेज में इसका प्रयोग ज्यादा आबादी पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के साथ एक कंट्रोल आर्म भी होगा, जिसको प्लेसिबो कहते हैं।
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शुरू
हुआ
कम्यूनिटी
ट्रांसमिशन?
डॉ.
गुलेरिया
ने
कहा
कि
कुछ
इलाकों
में
कोरोना
के
केस
चरम
पर
हैं,
तो
कुछ
क्षेत्रों
में
अभी
चरम
पर
पहुंचना
बाकी
है।
कई
राज्यों
में
लगातार
मामले
तेजी
से
बढ़
रहे
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
अभी
इस
बात
के
सबूत
नहीं
मिले
हैं
कि
राष्ट्रीय
स्तर
पर
कम्यूनिटी
ट्रांसमिशन
हो
रहा
है,
लेकिन
जो
हॉटस्पॉट
वाले
इलाके
हैं,
जहां
मामले
तेजी
से
बढ़
रहे
हैं,
उन
क्षेत्रों
में
स्थानीय
कम्यूनिटी
ट्रांसमिशन
जरूर
हो
रहा
है।