दिल्ली हिंसा पर बोले चिदंबरम- असंवेदनशील लोगों को सत्ता सौंपने की कीमत चुका रहे लोग
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में भड़की हिंसा पर कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने कहा है कि आम लोगों को अदूरदर्शी और असंवेदनशील लोगों को सत्ता सौपने की कीमत चुकानी पड़ रही है। चिदंबरम ने मंगलवार को कई ट्वीट कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। नागरिकता कानून के खिलाफ और समर्थन में लोगों के आमने-सामने आने के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में रविवार से हिंसा जारी है। रविवार से शुरू हुई हिंसक घटनाओं में अब तक सात लोगों की जान चली गई है।
पी चिदंबरम ने मंगलवार को कहा, सरकार में ना तो संवेदनशीलता है और ना ही दूरदर्शिता। भारत में नागरिकता कानून 1955 लागू था और उसमें किसी संशोधन की जरूरत नहीं पड़ी थी तो कानून में अब संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी? कांग्रेस ने सीएए को लेकर आगाह किया था कि ये विभाजनकारी कानून साबित होगा, ऐसे में इसे आप ना लेकर आएं। सरकार ने हम लोगों की बातों को अनसुना कर दिया। सरकार अब भी अगर जागे तो देर नहीं हुई है। उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक सीएए पर रोक लगाए और इसका विरोध कर रहे लोगों से बातचीत करे।
पूर्
केंद्रीय
मंत्री
चिदंबरम
ने
कहा,
सोमवार
को
दिल्ली
में
जिस
तरह
से
हिंसा
हुई
और
जानमाल
का
नुकसान
हुआ,
उससे
स्तब्ध
हूं।
किसी
भी
तरह
की
हिंसा
की
कड़ी
निंदा
होनी
चाहिए।
चिदंबरम
सीएए,
एनआरसी
और
एनपीआर
को
लेकर
लगातार
केंद्र
सरकार
पर
हमलावर
हैं।
एक
दिन
पहले
उन्होंने
पीएम
मोदी
पर
तंज
करते
हुए
कहा
था
वो
देश
आए
अमेरिका
के
राष्ट्रपति
डोनाल्ड
ट्रंपसे
पूछें
कि
क्या
असम
से
19
लाख
लोगों
को
प्रत्यर्पित
करना
संभव
है।
किस
देश
ने
19
लाख
लोगों
को
प्रत्यर्पित
किया
है?
यदि
नरेंद्र
मोदी
को
कोई
शक
है
तो
वह
ट्रम्प
से
सवाल
पूछ
सकते
हैं
और
वह
जवाब
देंगे
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